लखनऊ : तम्बाकू वेंडर लाइसेंस लागू होने के बाद भी, आगे नहीं बढ़ी प्रक्रिया
तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान और उससे बचने के लिए नगर निगम लखनऊ के द्वारा तम्बाकू वेंडर लाइसेंस लागू किया गया था।
लखनऊ : नगर निगम के द्वारा तम्बाकू विक्रेताओं के लिए तम्बाकू लाइसेंस जारी करने का निर्णय 2018 में लिया गया था, जिसको की लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया और नगर निगम लखनऊ के समस्त अधिकारियों ने इसको लागू किया था। आपको बता दें की बच्चों और युवाओं के साथ महिलाओं को तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान और उससे बचने के लिए नगर निगम लखनऊ के द्वारा तम्बाकू वेंडर लाइसेंस लागू किया गया था।
लखनऊ पहला नगर निगम था जिसने वेंडर लाइसेंस को लागू किया
सम्पूर्ण भारत मे लखनऊ पहला नगर निगम था जिसने वेंडर लाइसेंस को लागू किया है। बावजूद इसके तम्बाकू लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ढुलमुल सी रही। वर्तमान में इंद्रजीत सिंह नगर आयुक्त नगर निगम लखनऊ ने समीक्षा बैठक में इस विषय पर चर्चा किया जबकि शहर को स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए तम्बाकू वेंडर लाइसेंस की प्रक्रिया को तेज के करने के लिए निर्देशित किया है। इसी क्रम में उन्होंने समस्त जोनल अधिकारियों को एक पत्र जारी करके निर्देश दिया है
किसी भी प्रकार की तंबाकू की दुकान नही होगी
कि तम्बाकू वेंडर लाइसेंस प्रक्रिया में तेज़ी लाया जाए जबकि हर महीने के अंतिम शनिवार को जारी हुए तम्बाकू लाइसेंस का विवरण नोडल अधिकारी को उपलब्ध करवाना होगा। तंबाकु वेंडर को वेंडिंग ज़ोन में शिफ्ट करवाने के लिए भी नगर निगम लगातार कोशिशें कर रहा है। आपको बता दे कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकु उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा) में नियम है की विद्यालयों की 100 गज की परिधि में किसी भी प्रकार की तंबाकू की दुकान नही होगी लेकिन बावजूद स्मार्ट लखनऊ की तस्वीर जुदा है। तम्बाकू वेंडर लाइसेंस के ज़रिए नगर निगम लखनऊ प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत और मुख्यमंत्री के स्वस्थ उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को पूरा करने की कोशिशें कर रहा है।
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