लखनऊ: DM ने की जनता से अपील, प्रशासन का सहयोग कर कोरोना को हराने में करें मदद

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को स्मार्ट सिटी सभागार में कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बंध में एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बुधवार को स्मार्ट सिटी सभागार में कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बंध में एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (district magistrate) उपस्थिति में यह बैठक हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी (district magistrate) ने दिशा-निर्देश…

 

1) बैठक में जिलाधिकारी (district magistrate) ने सर्वप्रथम कांटैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि RRT टीमों के द्वारा किये जा रहे ट्रेसिंग और टेस्टिंग के कार्य में और तेज़ी लाई जाए। साथ ही हर CHC शत प्रतिशत सर्विलांस टीमे सक्रिय करके डोर टू डोर सर्वे के माध्यम से ILI व SARI के लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित करके उनकी टेस्टिंग भी कराना सुनिश्चित किया जाए।

2) बैठक में जिलाधिकारी (district magistrate) ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आमजनमानस की सुविधा का ध्यान लेते हुए आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की दरों का निर्धारण किया है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड उपचार के नाम पर किसी भी प्रकार की ओवर प्राइसिंग को किसी हाल में बर्दाश नही किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने निजी चिकित्सालयों द्वारा निजी प्रयोगशालाओं में प्रेषित किये जाने वाले सैम्पलों या किसी भी व्यक्ति द्वारा स्वयं लैब जाकर टेस्ट कराने की दर 700 रुपये GST सहित व निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्रित किये गए सैम्पलों की दर 900 रुपये GST सहित रखी है, ताकि आमजनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो सके।

यह भी पढ़ें : बरेली: शादी का झांसा देकर ताह‍िर नेे मंद‍िर में मांग भरी, युवती गर्भवती हुई तो उठाया ये खौफनाफ कदम…

 

3) जिलाधिकारी (district magistrate) ने बताया कि लगातार देखा जा रहा है कि जो लगातार पॉजिटिव केस आ रहे हैं, उसमें एम्बुलेंस उपलब्ध होने के बाद भी रोगियों के परिवार वालों के द्वारा एम्बुलेंस को वापस कर दिया जा रहा है। जो कि संक्रमण के दृष्टिगत सही नहीं है। उन्होंने बताया कि कोविड 19 के उपचार के लिए एक निर्धारित प्रोटोकॉल का अनुपालन कराना अत्यंत आवश्यक है, जो कि रोगियों के हॉस्पिटल में भर्ती न होने के कारण उसका अनुपालन नही हो पाता है। जिसके लिए जिलाधिकारी ने सभी से अपील की कि लोग जागरूक हो अपनी और अपनों की जान से खिलवाड़ न करें। प्रशासन उनके दरवाज़े पहुंच रहा है। ऐसे में लोगो की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें और अपने को भी सुरक्षित रखें। जिस किसी के घर एम्बुलेंस आती है तो घर में न रुके हॉस्पिटल में जा कर भर्ती हो। उनको समुचित इलाज उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाने और टेस्टिंग व सैंपलिंग कराकर उनकी रक्षा करने के लिए प्रशासन सदैव प्रतिबद्ध है।

4) बैठक में जिलाधिकारी (district magistrate) ने निर्देश दिया कि आगामी 5 तारीख को व्यापार मंडल, रिलिजियस लीडर व एनजीओस के साथ एक अहम बैठक आहूत की जाए और सबको इस वैश्विक महामारी के बारे में जागरूक किया, ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।

यह भी पढ़ें : बड़ी खबर: अब शादी समारोहों में 100 की जगह इतने लोग हो सकते हैं शामिल, गृह विभाग ने दी अनुमति

5) बैठक में जिलाधिकारी (district magistrate) ने केजीएमयू व एसजीपीजीआई के बेड की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया। साथ ही निर्देश दिया गया कि ICCC द्वारा जिस पेशेंट को हॉस्पिटल के लिए डिसाइड किया जाए, उसको 24 घण्टे के अंदर हॉस्पिटल में भर्ती करना सुनिश्चित कराया जाए अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी (district magistrate) समेत बैठक में उपस्थित रहे कई अधिकारी

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रभास कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय भटनागर, अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह, समस्त CHC के नोडल व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।

Related Articles

Back to top button