लखनऊ: महंगाई, बेरोजगारी, पंचायत चुनाव में धांधली को लेकर प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी का हल्ला बोल

विधानसभा चुनावों में कुछ महीने का ही वक्त रह गया है। समाजवादी पार्टी भी 2022 में सत्ता परिवर्तन के लिए लगातार संघर्ष कर रही है।

विधानसभा चुनावों में कुछ महीने का ही वक्त रह गया है। समाजवादी पार्टी भी 2022 में सत्ता परिवर्तन के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। पार्टी अपने बदले हुए तेवर, रणनीति व मुद्दों के साथ आज प्रदेश भर में तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। पार्टी अब पंचायत चुनाव में धांधली के अलावा भ्रष्टाचार पर रोक, किसानों को राहत व दलितों पर अत्याचार रोकने व ओबीसी आरक्षण में कटौती की मांग जैसे मुद्दे भी उठाएगी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी के विधान परिषद सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में 2022 विधान सभा चुनाव की रणनीति के साथ ही पंचायत चुनाव के प्रदर्शन पर चर्चा की गई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ता को पूरी तैयारी के साथ प्रदर्शन करने को कहा है। पार्टी के कार्यकर्ता राज्यपाल के बजाए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अपने- अपने जिलों के डीएम व अन्य अधिकारियों को सौंपेंगे।

समाजवादी पार्टी के इस 16 सूत्रीय ज्ञापन में बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक, कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली और हिंसा की जांच हो तथा दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग भी होगी। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व क्षेत्र पंचायत के सदस्य, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष सदस्य इस प्रदर्शन में भाग लेंगे।

बुधवार को पार्टी के विधान परिषद सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक में विधान परिषद सदस्यों को वर्ष 2022 में सपा की सरकार बनाने को लेकर जिम्मेदारी सौंपी गई। जातिगत व क्षेत्रवार समीकरण बैठाने के लिए पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है। समीक्षा बैठक में तय किया गया कि बेरोजगारी, कानून और व्यवस्था और दलितों के साथ हो रहे अत्याचार जैसे मुद्दे पर पार्टी और मुखर होगी। समाजवादी पार्टी के अनुसार ने आरक्षण खत्म किया जा रहा है, लोकतंत्र खतरे में है, इस पर पार्टी संघर्ष करेगी।

प्रदर्शन के पहले बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधान परिषद सदस्यों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी के सदस्य बहुमत में जीते थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करते हुए अध्यक्ष के पदों पर अपना कब्जा जमा लिया। भाजपा सरकार ने कई जनपदों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन पत्र नहीं दाखिल होने दिए, कई क्षेत्र पंचायत सदस्यों का अपहरण कर लिया गया और कइयों का पुलिस द्वारा उत्पीड़न कराया गया है। उन्होंने कहा भाजपा जनादेश के अपहरण की साजिशें करने की तैयारियां कर रही है। भाजपा से लोकतंत्र को बड़ा खतरा है।

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