लखनऊ : गिरफ्तार आतंकियों का आजमगढ़ में कनेक्शन, जानने की कोशिशें शुरू
पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ सुधीर कुमार सिंह का कहना है पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी घटनाओं में आजमगढ़ के तार जुड़ते रहे हैं ।
पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ सुधीर कुमार सिंह का कहना है पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी घटनाओं में आजमगढ़ के तार जुड़ते रहे हैं । लखनऊ में दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद आजमगढ़ पुलिस अलर्ट है हर संवेदनशील स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, पूर्व की आतंकी घटनाओं में शामिल अपराधियों की धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है। आतंकियों के नए मॉडल की जानकारी के लिए संवेदनशील स्थानों पर लोगों से पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें कि वर्ष 2008 में 26 जुलाई को अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद आतंकियों के कनेक्शन आजमगढ़ से जुड़ने लगे थे। एटीएस, इंटेलीजेंस टीम ने खंगाला तो आजमगढ़ के सरायमीर निवासी मुफ्ती अबु बशर लखनऊ में हत्थे चढ़ा था।उसके बाद पुलिस ने अलग-अलग घटनाओं के एक-दूसरे से तार जोड़े तो दो दर्जन युवाओं के चेहरे सामने आए। छानबीन बढ़ी तो आजमगढ़ के तार दिल्ली व अन्य महानगरों में हुए सीरियल धमाकों से जुड़े, फिर बटलाकांड में आतिफ अमीन व छोटा साजिद के मारे जाने के बाद जिला सुर्खियों में छा गया था। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का शक तो वर्ष 2007 में ही गहरा गया था, जब रानी की सराय में क्लीनिक चलाने वाला हकीम तारिक कासिमी बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर विस्फोटक के साथ हत्थे चढ़ा था।अब तक अबु राशिद, शादिक शेख, जाकिर शेख, आरिफ बदर, खलीलुर्रहमान, अंसार अहमद, डाक्टर शहनवाज, बड़ा साजिद, अबू राशिद, मिर्जा शादाब बेग, मु. खालिद, असदुल्लाह अख्तर, आरिज खान उर्फ जुनैद, मोहम्मद सैफ, शाकिब निसार, जीशान अहमद, आरिफ, मुहम्मद हाकिम, मोहम्मद सरवर, सैफुर्रहमान, शहजाद उर्फ पप्पू, सलमान अहमद, मुफ्ती अबु बशर, हकीम तारिक कासमी। अधिकांश आजमगढ़ शहर, सरायमीर, मुबारकपुर व संजरपुर के निवासी के नाम आतंकी गतिविधियों में सामने आ चुके हैं ।
रिपोर्टर- अमन गुप्ता
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