जिस जिले से संभाली जाती है पूरे सूबे की कमान, वहीं सड़कों पर सोने को मजबूर हैं गरीब इंसान

उत्तर प्रदेश में शीत लहर का कहर बढ़ता जा रहा है।

Lucknow : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शीत लहर का कहर बढ़ता जा रहा है। गरीबों और निराश्रितों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अलाव और रैन बसेरों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर निर्देश जारी किये, ताकि सभी जरूरतमंदों को रैन बसेरे में आश्रय मिल सके और किसी भी व्यक्ति को इस ठंड में खुले आसमान के नीचे में न सोना पड़े, लेकिन राजधानी लखनऊ में रैन बसेरों को लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन की तमाम दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। रैन बसेरों से ज्यादा लोग शहर की सड़कों पर दफ्ती और पन्नी बिछाकर सोते मिले।

इस कड़कड़ाती ठण्ड में परिवार संग सो रहे बच्चे भी ठण्ड से लड़ने को मजबूर हैं और हो भी क्यों ना, क्योकि इनके साथ पहले कुदरत ने खेल खेला और अब सरकार खेल रही है। सरकार विकास कार्यों का भले ही ढिंढोरा पीटती हो, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बयां करती है।

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प्रदेश सरकार लूट रही वाहवाही

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रदेश के राहत आयुक्त की तकनीकी टीम राज्य के रैनबरेसों की जांच कर रही है। सीएम के निर्देशानुसार, राजधानी लखनऊ की टीम ने वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए मंगलवार को बागपत जिले के नगर पालिका परिषद कार्यालय के ऊपरी मंजिल पर बने रैन बेसरे को देखते ही उसे शानदार रैनबसेरा कहा। अपनी व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार एक ओर वाहवाही लूट रही है तो वहीं दूसरी ओर मंगलवार की रात को राजधानी लखनऊ (Lucknow) में इस कड़कड़ाती ठंड में शहरी इलाके में बाहर से आये कमाने खाने वाले गरीब मजदूर अपने परिवार के साथ सड़क किनारे खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं।

प्रदेश सरकार के तमाम दावों की खुली पोल

इस कड़कड़ाती ठंड में राजधानी Lucknow की सड़कों पर दफ्ती और पन्नी बिछाकर सोने को मजबूर लोगों ने प्रदेश सरकार के तमाम पुख्ता व्यवस्था वाले दावों की पोल खोलकर रख दी है। लखनऊ में पर्याप्त रैन बसेरे नहीं हैं, जिसका हर्जाना गरीबों और निराश्रितों को शहर की सड़कों पर दफ्ती और पन्नी बिछाकर सोने को मजबूर होकर चुकाना पड़ रहा है। इस ठंड में बेघर लोग अपनी जान बचाने और सिर छिपाने के लिए पेड़ों, फ्लाईओवर और मेट्रो के पुल का सहारा ले रहे हैं। इससे जिला प्रशासन के तमाम दावों की पोल खुल गई है।

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राजधानी की सड़कों पर सोने को मजबूर हैं गरीबों मजदूर

बाते सोमवार को वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने रैन बसेरे का औचक निरीक्षण कर वहां के लोगों का हालचाल जाना था। वहीं, राजधानी लखनऊ (Lucknow), जहां मुख्यमंत्री आवास स्थित है, जहां से पूरे सूबे की कमान संभाली जाती है, लेकिन उसी जनपद में मुख्यमंत्री आवाज के चंद कदम दूर ही इस हांडकपाती ठंड में गरीब मजदूर सड़कों पर अपने परिवार के साथ सोने को मजबूर है।

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