लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी ने छठ महापर्व की बधाई दी, कही ये बात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के प्रथम व्रत नहाए-खाए की आप सभी को शुभकामनाएं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पूर्व के त्योहारों की भांति छठ पर्व भी घर पर ही मनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है बल्कि कमजोर हुआ है। बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है। योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक, लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के प्रथम व्रत नहाए-खाए की आप सभी को शुभकामनाएं। कोरोना अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, कमजोर हुआ है। बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। पूर्व के त्योहारों की भांति छठ भी घर पर ही मनाने का प्रयास करें। ”जय छठी मईया।”

महिलाओं को पर्व घर पर मनाने के संबंध में प्रेरित करने के निर्देश
एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक छठ पूजा के अवसर पर घाटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के साथ ही महिलाओं को यह पर्व घर पर मनाने के संबंध में प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा घाटों के किनारे पारंपरिक स्थानों पर अघ्र्य दिए जाने के समुचित प्रबंध किए जाने के साथ ही पानी के बहाव के समुचित प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। घाटों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। गौरतलब हो कि बुधवार से ‘नहाय-खाय’ के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई।

गोपाष्टमी पर सभी गो-आश्रय स्थल पर कार्यक्रम के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 नवम्बर को गोपाष्टमी के अवसर पर प्रत्येक गो-आश्रय स्थल पर एक कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सांसद, विधायक, पार्षद, ग्राम प्रधान आदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। इस दिन पशु स्वास्थ्य परीक्षण का विशेष कार्यक्रम संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया है कि गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश का खुरपका-मुंहपका के सम्बन्ध में टीकाकरण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पशु चिकित्साधिकारी नियमित रूप से गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण करते रहें। संरक्षित गोवंश के लिए शीत से बचाव हेतु सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। कुपोषित परिवारों को मुख्यमंत्री निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत गौ आश्रय स्थल से गाय उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।

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