लखनऊ: भिक्षा से शिक्षा की ओर कार्य करने के लिए मिला सम्मान

प्रदेश भर में पिछले महीने चले नो चाइल्ड लेबर अभियान में 2,340 बच्चों को मुक्त कराकर उनके

प्रदेश भर में पिछले महीने चले नो चाइल्ड लेबर अभियान में 2,340 बच्चों को मुक्त कराकर उनके परिवारीजनों के सुपुर्द किया गया। अभियान महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की पहल पर चलाया गया था। संगठन की एडीजी नीरा रावत ने इस अभियान में सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए पांच जिलों फिरोजाबाद, हरदोई, बहराइच, महराजगंज व पीलीभीत की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के नोडल अधिकारियों व प्रभारियों को पांच-पांच हजार रुपये का पुरस्कार और टीम में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों व स्वयंसेवी संगठनों को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की।

एडीजी ने बताया कि 01 से 30 सितंबर तक चले अभियान में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन और एनजीओ ने बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल-ढाबे, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और फैक्टरियों का निरीक्षण किया। इन जगहों पर काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराकर जनपदीय बाल कल्याण समितियों के जरिये उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। मुक्त कराए गए बच्चों ने चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समितियों को कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं। किसी बच्चे को डरा-धमकाकर तो किसी को धोखा देकर या फिर बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही थी। कई बच्चों से भीख मंगवाया जा रहा था। वहीं बच्चियों ने बताया कि उनमें से कुछ से घरेलू कामकाज तो कुछ से देह व्यापार कराए जाते थे।

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