लखनऊ : विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के मकान की कुर्की….

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) बिकरू कांड (bikru kand) के मुख्य आरोपी रहे दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के भाई दीप प्रकाश के मकान की कृष्णा नगर पुलिस ने शुक्रवार को कुर्की की।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) बिकरू कांड (bikru kand) के मुख्य आरोपी रहे दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के भाई दीप प्रकाश के मकान की कृष्णा नगर पुलिस ने शुक्रवार को कुर्की की। दीप प्रकाश पर 50 हजार का इनाम घोषित है। आरोपित बिकरु कांड के बाद से फरार है।

कृष्णानगर कोतवाली में दीप प्रकाश पर दो मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे के मुताबिक आरोपित की लंबे समय से तलाश की जा रही है। हालांकि वह पुलिस के हाथ नहीं लगा है, जिसके बाद कोर्ट से अनुमति लेकर उसकी संपत्ति कुर्क की जा रही है।

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पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपित के मकान पर 82 की नोटिस चस्पा की थी। इसके बावजूद भी दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ, जिसके बाद शुक्रवार को यह कार्रवाई की गई। आरोपित के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर कार हड़पने की एक एफआइआर दर्ज थी। एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में दीप प्रकाश पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज करने की संस्तुति की थी, जिसके बाद 24 नवंबर को उसके खिलाफ एक और मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

मारा गया था विकास दुबे : इस घटना का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे 10 जुलाई 2020 को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था।

ये भी जानें।।।

विकास दुबे के मामले में एसआईटी जांच में जिन पुलिस अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी उनकी जांच एडीजी और आईजी से कराई गई। दोनों अफसरों ने अपनी जांच रिपोर्ट और संस्तुति शासन को भेज दी है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई पर फैसला शासन करेगा। जांच के दायरे में पूर्व डीआईजी समेत चार राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। इनकी जांच एडीजी जोन और आईजी ने कराई थी।

बिकरू कांड के बाद शासन की तरफ से पूरे मामले में एसआईटी जांच बैठाई गई थी। एसआईटी ने जब अपनी रिपोर्ट सौंपी तो उसमें राजपत्रित अधिकारियों से साठगांठ होने के आरोप भी सामने आए। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर संस्तुति की गई थी। उसमें पूर्व डीआईजी अनंत देव, एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह, डीएसपी आरके चतुर्वेदी और वर्तमान सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश का नाम शामिल था। इनमें से पूर्व डीआईजी को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है।

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