जानिए, आपकी राशि के लिए कौनसा रूद्राक्ष है फायदेमंद, पहनते ही होंगे ये चमत्कारी फायदे

रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से गिरने वाले जल बूंदों से निर्मित हुआ है। देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि रुद्राक्ष को सभी लोग धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।

रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से गिरने वाले जल बूंदों से निर्मित हुआ है। देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि रुद्राक्ष को सभी लोग धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। नकारात्मक शक्तियां रुद्राक्ष धारण करने वाले के पास भी नहीं आती हैं। पुराण में रुद्राक्ष के कई प्रकार बताए गए हैं। मनोकामना और श्रद्धा के अनुसार इन्हें धारण करना चाहिए।

जिस रुद्रक्ष में एक मुख होता है वह शिव का विग्रह स्वरूप यानी साक्षात शिवरूप माना जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला ज्ञान-विज्ञान से संपन्न और संसार के रहस्य को जानने वाला हो जाता है।

इस रुद्राक्ष को शिव पार्वती का युगल स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से शिव पार्वती प्रसन्न होते हैं। वैवाहिक जीवन में आनंद और सुख के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना उत्तम माना गया है।

तीन मुखों वाला रुद्राक्ष अग्नि का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से ओज और उर्जा में वृद्धि होती है। यह जाने-अनजाने में पूर्व में किए हुए तमाम पापों का नाश करने वाला है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से मंगल ग्रह का दोष दूर होता है, अग्नि देव प्रसन्न होते हैं।

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इस रुद्राक्ष को ब्रह्म का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने वाला धन वैभव से संपन्न होता है। देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि यह स्वास्थ्य और बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाता है।

पांच मुखों वाला रुद्राक्ष पुंचमुखी ब्रह्मा के समान माना गया है। ज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए इस रुदाक्ष को धारण करना चाहिए। जप के लिए इस रुद्राक्ष का प्रयोग करने से हृदय को बल मिलता है और पापों का क्षय होता है।

यह रुद्राक्ष कुमार कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से बल और वीर्य की वृद्धि होती है। यह अकाल मृत्यु और दुर्घटनाओं से रक्षा करने में सहायक होता है। शत्रुओं से परेशान व्यक्तियों के लिए भी यह रुद्राक्ष लाभप्रद माना गया है।

7 मुख वाले रुद्रक्ष का संबंध कृतिकाओं और सप्तऋषियों से माना गया है। इस धारण करने वालों पर देवी लक्ष्मी की कृपा रहती है यानी व्यक्ति धनवान होता है। व्यक्ति समाज में सम्मानित और आदरणीय होता है। स्वास्थ्य के लिए भी यह रुद्राक्ष लाभप्रद माना गया है।

इस रुद्राक्ष का संबंध अष्ट मातृकाओं और आठ वसुओं से माना गया है। इसे धारण करने से शनि के अशुभ प्रभाव से राहत मिलती है। मनुष्य की भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होती है और दुर्घटनाओं से बचाव होता है।

इसे यमराज का स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने से यमराज और मृत्यु का भय दूर होता है। भाग्य में वृद्धि के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।

इस रुद्रक्ष को भगवान और शिव का स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने वाले का घर धन-धान्य से संपन्न होता है। इनके घर में धर्म-कर्म के काम होते रहते हैं। लोग सात्विक विचारों के होते हैं। इसे धारण करने वाले लोग आमतौर पर कम बीमार होते हैं।

इन रुद्राक्षों को भी शुभ और उत्तम फल देने वाला माना गया है। 10 मुखी रुद्राक्ष को दिक्पालों का स्वरूप माना गया है जबकि 11 मुखी को रुद्र स्वरूप मान गया है। 13 मुखी रुद्राक्ष कामदेव का स्वरूप माना गया है। इस धारण करने से कामनाओं की पूर्ति होती है। प्रेम और वैवाहिक जीवन के सुख के लिए यह रुद्राक्ष लाभकारी होता है।

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