श्रीकृष्ण की वजह से हुई थी राधा की मृत्यु, ये है चौंकाने वाला रहस्य…

प्रेम की बात हो और सांवले कृष्ण का जिक्र न हो तो वहां पर प्रेम कुछ अधूरा सा रह जाता है. लेकिन कहते तो ये भी हैं कि, वो प्रेम ही क्या जो पूरा हो जाए. कुछ ऐसी ही प्रेम की कहानी राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण का था.

प्रेम की बात हो और सांवले कृष्ण(lord krishna) का जिक्र न हो तो वहां पर प्रेम कुछ अधूरा सा रह जाता है. लेकिन कहते तो ये भी हैं कि, वो प्रेम ही क्या जो पूरा हो जाए. कुछ ऐसी ही प्रेम की कहानी राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण(lord krishna) का था. सारी जिंदगी राधा जिसे चाहती रहीं उसी की वजह से उनकी मौत हो गई. ये थोड़ा सुनने में अजीब लगता है लेकिन सच्चाई यही है. कहा जाता है कि, राधा रानी की मृत्यु श्रीकृष्ण की एक गलती की वजह से हुई थी. आखिर वो कौन सी गलती थी जिसकी वजह से राधा की मौत हो गई थी. ये जानने से पहले ये भी जानना जरुरी है कि, राधा और कृष्ण का प्रेम अमर क्यों हो गया, क्यों जब भी प्रेम की बात होती है तो राधा-कृष्ण की बात होती है, क्यों प्रेम शब्द राधा और कृष्ण के बिना अधूरा लगता है? तो आइये जानते हैं कि, क्या है राधा और कृष्ण का प्रेम…

राधा कृष्ण(lord krishna) का बचपन साथ बीत रहा था लेकिन कृष्ण पहली बार राधा से अलग हुए जब उन्हें मामा कंस ने बलराम के साथ मथुरा बुलाया. कृष्ण ने वहां पहुंचकर मामा कंस का वध करके अपने माता-पिता को कारागार से मुक्त कराया था. लेकिन बाद में श्रीकृष्ण को वृंदावन जाने का मौका नहीं मिला. लेकिन कृष्ण ने एक वादा किया था कि, वो वापस जरुर आएंगे. कृष्ण के जाने के बाद राधा कई सालों तक उनका इंतजार करती रहीं लेकिन वो वापस नहीं आए. उधर श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हो गया.

लेकिन कहते हैं कि, विधि के विधान को कोई टाल नहीं सकता है. एक समय ऐसा आया जब राधा फिर से श्रीकृष्ण से मिलीं. राधा को ये पता चलने के बाद भी कोई दुख नहीं हुआ कि, उन्होंने रुक्मणी और सत्यभामा से विवाह कर लिया है. वो जानती थीं कि, कृष्ण ने सिर्फ अपने कर्तव्य को पूरा किया है. रुक्मणी से विवाह के बाद श्रीकृष्ण ने काफी समय तक द्वारका में रहे और प्रजा की रक्षा करते रहे.

ये भी पढ़ें – शादी के मंडप पर फेरों के दौरान दुल्हन ने कर दी ऐसी हरकत कि पूरी दुनिया में वीडियो हो गया वायरल

राधा के अनुरोध पर कृष्ण(lord krishna) ने अपने महल में देविका के रुप में नियुक्त कर दिया. राधा दिन भर महल में रहती थीं और महल से जुड़े कार्यों को देखती थीं. लेकिन राधा को वहां पर आध्यात्मिक जुड़ाव नहीं हो पा रहा था. और एक दिन वो महल से चुपके से निकल गईं. महल से निकलने के बाद राधा को खुद नहीं पता था कि वो कहां जा रही हैं.

फिर अचानक से एकदिन राधा कृष्ण को अपने सामने देखकर प्रसन्न हो गईं लेकिन ये उनका आखिरी समय था. जिसे भगवान श्रीकृष्ण भी अच्छी तरह से जानते थे. लेकिन वो समय के चक्र को रोक नहीं सकते थे. आखिरी समय में उन्होंने राधा से पूछा कि, वो कुछ मांगें. लेकिन राधा कुछ भी मांगने से इंकार कर दिया. फिर बाद में राधा ने कहा कि, आखरी बार वो कृष्ण को बांसुरी बजाते हुए देखना चाहती हैं. इस बात को सुनते ही कृष्ण बांसुरी बजाने लगे और राधा ने बंसुरी की धुन सुनते हुए अपने प्राण त्याग दिया.

कहा जाता है कि, राधा की मृत्यु का कारण खुद कृष्ण(lord krishna) थे. इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि, एक बार कंस ने एक असुर अरिष्टासुर को ब्रजवासियों को कष्ट देने के लिए भेजा था जिसे श्रीकृष्ण ने मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद राधा और अन्य गोपियां उन्हें गौ हत्यारा मानने लगी थीं. कृष्ण ने बहुत समझाया लेकिन वो नहीं मानीं और तब कृष्ण ने जोर से धरती पर एड़ी पटक दी जिससे वहां जल की धारा निकल पड़ी और एक कुंड बन बन गया. इसके बाद सभी उस कुंड में प्रवेश कर गए और कृष्ण ने उसमें स्नान करके कहा कि, जो भी इसमें स्नान करेगा वो एक ही स्थान पर सभी तीर्थों में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त करेगा.

Related Articles

Back to top button