लखनऊ : लचर मेडिकल सिस्टम ने ली एक और पत्रकार अमृत दुबे की जान
एम्बुलेंस के इंतजार में सिसक-सिसक कर गयी अमृत दुबे की जान
लखनऊ : लचर मेडिकल सिस्टम ने ली पीटीआई के अमृत दुबे की जान
लखनऊ : एक बार फिर मुख्यमंत्री के वे सभी दावे जिनमे वे अपने स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ाई करते नहीं थकते उन सभी दावों की पोल खुल गयी है. एम्बुलेंस के इंतजार में गयी पीटीआई के अमृत दुबे की जान. खराब मेडिकल सिस्टम और कोरोना लगातार लखनऊ के पत्रकारों को मौत के घाट उतार रहा है।
- कल इंडिया टुडे टीवी के युवा पत्रकार नीलांशु शुक्ला की चिता की अग्नि ठंडी भी नहीं हुई थी.
- कि आज पीटीआई के युवा पत्रकार अमृत दुबे बद्तर स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ गये।
- वो एंबुलेंस का इंतेजार करते रहे, एंबुलेंस आ ना सकी पर मौत आ गई।
- सुबह जब अमृत की हालत बिगड़ने और एंबुलेंस मोहय्या ना होने की खबर आग की तरह फैली तो पत्रकारों ने शासन-प्रशासन से एंबुलेंस और बेहतर इलाज की गुहार लगाना शुरू की।
- एंबुलेंस ना मोहय्या होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
- पत्रकारों ने लखनऊ के जिलाधिकारी को भी इस बात की इत्तेला की, पर वक्त पर एंबुलेंस ना आ सकी.
- और हर दिल अज़ीज़ पत्रकार अमृत दुबे की सांसें उखड़ने लगीं और वो सिसक-सिसक कर मर गये।
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