Karwa Chauth 2020: जानें करवा चौथ व्रत की पूजा में मंगलसूत्र का महत्व

करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बहुत अहम है। करवा चौथ का व्रत स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख शांति के लिए रखती है।

करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बहुत अहम है। करवा चौथ का व्रत स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख शांति के लिए रखती है। करवा चौथ दो शब्दों को मिलाकर बना है ।जिसमें करवा का अर्थ है मिट्टी के बरतन और चौथ का मतलब है चतुर्थी है। कहा जाता है कि, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए यह व्रत रखा था। जिसके बाद उनका विवाह भगवान शिव के साथ हो गया था। करवा चौथ का व्रत इस साल 4 नवंबर को पड़ रहा है।

यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे रात चांद निकलने तक रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जल व्रत रखती जिसे रात चांद निकलने के बाद पूरा किया जाता है। करवा चौथ में कुछ चीजों का महत्व बुहत अधिक होता है। उनहीं में एक है मंगलसूत्र।

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करवा चौथ के व्रत में मंगलसूत्र का महत्व
मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। यह एक काले मोतियों की माला होती है। जिसे महिलाएं अपने गले में पहनती है। माना जाता है कि मंगलसूत्र पहने से पति की रक्षा होती है। मंगलसूत्र के अंदर बहुत सारी चीजें जुडी होती हैं और हर चीज का संबंध शुभता से होता है।

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