लखनऊ : यूपी में कानून व्यवस्था अंतिम सांस ले रही है- सपा प्रमुख अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था अंतिम सांस ले रही है। बेरोजगारी से परेशान और हताश लोग आत्महत्या कर रहे हैं। नौजवान ठगा महसूस कर रहे हैं। जनता किससे राहत की उम्मीद करे जबकि भाजपा सरकार लोगों का खून निचोड़ने में लगी है। कोरोना संकट से तो जिंदगी ऐसे ही बेपटरी हो चली है, ऊपर से सरकार की गलत नीतियों के चलते कामकाज, पढ़ाई, व्यापार के सभी रास्ते अवरूद्ध हैं।
      

औरैया के दिबियापुर में जिला जज की गाड़ी पर बदमाशों ने हमलाकर दिया। जब न्यायाधीश सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या हाल होगा? उन्नाव के पुरवा क्षेत्र में पुलिस कर्मी पर दो बदमाशों ने कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया। उनकी बाइक तोड़ दी। खून से लथपथ सिपाही अस्पताल पहुंचाए गए। लखीमपुर में सत्ता  से संरक्षण प्राप्त सीओ ने अपने ड्राइवर पर पिस्तौल तान दी। सीओ पर कड़ी कार्यवाही के बजाय उसे ट्रैफिक में भेजकर मामला दबा दिया गया।
      

प्रदेश की भाजपा सरकार से युवाओं को नाउम्मीदी के अलावा और कुछ नहीं मिला। सन् 2017 से सन् 2020 तक एक भी नौकरी में भर्ती नहीं हुई। हर नौकरी भ्रष्टाचार की शिकायतों से भरी रही। इन्वेस्टमेंट मीट में अरबों रूपए फूंक कर एक सुई का कारखाना तक भाजपा सरकार नहीं लगवा सकी। फिर भी करोड़ों को नौकरी देने का झूठा प्रचार कर युवाओं को धोखा दिया जा रहा है।
   

सरकार की अदूरदर्शिता और पक्षपातपूर्ण नीतियों के चलते उद्योग चौपट है, खेती बर्बाद है और रोजगार का कही अतापता नहीं। आगरा में बेरोजगार जूता कारीगर ने आत्महत्या कर ली। कानपुर में कपड़ा व्यवसायी ने आर्थिक तंगी में गंगा में छलांग लगा ली। प्रयागराज में व्यापारी और मौदहा में एक किसान ने आर्थिक दिक्कतों के चलते फांसी लगा ली।
     

भाजपा सरकार को जनसामान्य की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है। आज 18वें दिन फिर डीजल में 48 पैसे की वृद्धि होने से इतिहास में पहली बार डीजल-पेट्रोल से ज्यादा मंहगा हो गया है। डीजल का सर्वाधिक उपयोग कृषि में होता है। इसकी मंहगाई का सीधा असर किसान पर पड़ेगा। उसके उत्पाद की लागत कई गुना बढ़ जाएगी। डीजल के दाम बढ़ने से पम्पिंग सेट, ट्रैक्टर आदि के संचालन में बाधा आएगी। परिवहन भी मंहगा हो जाएगा। खाद्य पदार्थ, सब्जी, फल आदि भी और मंहगे हो जाएंगे। जनता का घरेलू बजट बिगड़ जाएगा।

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