लखनऊ : एमपी के राज्यपाल और लखनऊ से पूर्व सांसद लालजी टण्डन का हुआ निधन

Lalji Tandon लखनऊ । एमपी के राज्यपाल और लखनऊ से पूर्व सांसद लालजी टण्डन का निधन..
लखनऊ के मेदांता में चल रहा था इलाज, 85 साल के उम्र में हुआ निधन।


पुत्र और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने की पुष्टि।


Lalji Tandon : – ईश्वर से प्रार्थना है उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को शक्ति दे। ॐ शांति ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालजी टंडन रोहन पर शोक व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नाथ आदित्य दुख व्यक्त करते हुए यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक रहने की घोषणा की है।

यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दुःख व्यक्त किया है। बसपा की । राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया है और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। देश के रक्षा मंत्री लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

टिकट के लिए अड़ गए थे टंडनजी

दरअसल, फिरोजशाह रोड के बंगले को लालजी टंडन ने कोपभवन इसलिए बना लिया था, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि बीजेपी नेतृत्व उनका टिकट काटने जा रहा है.

टंडन लखनऊ से सांसद थे. वही लखनऊ, जहां से अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव जीतकर पीएम बनते रहे थे. ऐ

से में टंडनजी को अटल का उत्तराधिकारी माना जाने लगा था. इस वजह से जब

लखनऊ से फिर सांसदी का टिकट न मिलने की बात सामने आई,

तो लालजी टंडन खफा हो गए. वो लखनऊ से दिल्ली पहुंचे और अपने बंगले में

अड़कर बैठ गए.

जुबां पर आई दिल की बात

लेकिन 2014 में सांसदी का टिकट कटने का दर्द शायद लालजी टंडन नहीं भूले

हैं. काफी वक्त से वो राजनीति से बाहर थे.

खबर आई थी कि उन्हें मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनाया जा रहा है, लेकिन फिर

गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल वहां की गवर्नर बन गईं.

बीते दिनों आखिरकार टंडनजी को बिहार का राज्यपाल बना दिया गया. सोमवार (24 सितंबर 2018) को लखनऊ में लालजी टंडन का अभिनंदन समारोह था.

तमाम बड़े नेता कन्वेंशन सेंटर में जुटे थे. यहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी थे.

सभी ने टंडनजी को माला पहनाई. उनके पैर छुए. फिर भाषणों का दौर शुरू

हुआ. तमाम बड़े नेताओं ने लालजी टंडन से अपने रिश्तों की बात कहनी शुरू की.

राजनाथ सिंह का जब नंबर आया, तो उन्होंने कहा कि मैं तो 25 बरस से टंडनजी के साथ हूं. उनका हमेशा आशीर्वाद मिलता रहा है.

फिर हंसते हुए उन्होंने कहा कि बावजूद इसके राज्यपाल बनाए जाने के बाद

लालजी टंडन ने मुझे धन्यवाद नहीं दिया.

दरअसल, राज्यपाल बनाए जाने की फाइल पीएम मोदी की मंजूरी के बाद राजनाथ

के ही गृहमंत्रालय से शुरू होकर राष्ट्रपति तक जाती है.

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