लखीमपुर खीरी कांड : घटना नही साजिश, जोड़ी जाएंगी धारा 307 व 326
लखीमपुर खीरी मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सहित 14 लोगों की जांच के बाद धाराओं में बदलाव किया गया है। सभी आरोपियों पर जानबूझकर योजना बनाने का आरोप लगाया गया है।
लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सहित 14 लोगों की जांच के बाद धाराओं में बदलाव किया गया है। सभी आरोपियों पर जानबूझकर योजना बनाने का आरोप लगाया गया है। एसआईटी ने यह आरोप लगाया है। SIT ने IPC की धारा 279, 338, 304A से 307, 326, 302, 34,120 B, 147, 148,149, 3/25/30 को हटा दिया है।
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जांच अधिकारी ने धारा 279 को बदलने के बाद भारतीय दंड संहिता में धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियारों या उपकरणों के साथ गंभीर चोट के कारण), 34 (सामान्य उद्देश्य के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) को जोड़ने का अनुरोध किया है। 338 (कोई भी व्यक्ति जो किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाता है या अनजाने में घायल करता है) और 304A (मृत्यु का लापरवाही कारण) को भी IPC में बदलाव करने के लिए कहा गया था।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेएम) से हत्या के प्रयास के 13 आरोपियों को दंडित करने के लिए नए खंड जोड़ने का अनुरोध किया है। एसआईटी के जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने पिछले हफ्ते सीजेएम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर आईपीसी की धारा 279, 338 और 304ए के स्थान पर नई धाराएं जोड़ने की मांग की थी।
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