लखीमपुर घटना – मृतकों को 45-45 लाख आर्थिक मदद देगी सरकार, राकेश टिकैत ने रखी ये मांग।
45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी सरकार ,साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसान, तीन भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई है। इस हिंसा के बाद किसान विरोध कर रहे हैं और मारे गए किसानों के शवों को सड़क पर रख कर विरोध कर रहे हैं. कई मांगों को लेकर किसान अड़े रहे। अब खबर है कि किसानों और लखीमपुर खीरी प्रशासन के बीच समझौता हो गया है.
बताया जा रहा है कि हिंसा में मारे गए सभी पीड़ितों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में मामले की जांच की जाएगी।
किसान नेता राकेश टिकैत और एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी. चारों मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी और पूरे मामले की न्यायिक जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।
अगर कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे पंचायात-
राकेश टिकैत ने कहा, ‘पहली बात हुई है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का नाम एफआईआर में दर्ज हुआ है, 10-11 दिन का जो समय प्रशासन ने मांगा है अगर उसके अंदर का कार्रवाई नहीं की गई तो हम पंचायत करेंगे, हम किसानों के दाह संस्कार तक यही रहेंगे और पांच डॉक्टरों की निगरानी में पोस्टमॉर्टम होगा और उसका वीडियो रिकॉर्डिंग ही किया जाएगा’
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘अभी इंटरनेट नहीं चल रहा है इसलिए हमें बहुत सारी वीडियो सबूत नहीं मिले हो लेकिन जैसे ही इंटरनेट चलेगा, आपके पास कोई वीडियो है तो वह हमें जरूर भेजें.’
क्या है पूरा प्रकरण-
किसान नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई, जिससे चार किसानों की मौत हो गई, साथ ही कई किसान घायल हुए हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने आजतक से बातचीत में बताया कि किसानों की हिंसा में बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और कार ड्राइवर की जान गई है.
दरअसल, लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दौरा था. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे उन्हें रिसीव करने जा रहे थे, लेकिन इस दौरान किसानों ने रास्ता रोक लिया और काले झंडे दिखाए. झड़प के दौरान गाड़ी की टक्कर से किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद किसानों ने भारी हंगामा किया.
हालांकि, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का दावा है कि हादसे के वक्त उनका बेटा मौजूद नहीं था. फिलहाल स्थिति को काबू में करने के लिए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी भेजा है. साथ ही पुलिस की कई कंपनियां भी मौके पर तैनात हैं.
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