बीजेपी के मंत्री के बेटे ने धमकी दी तो महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव बोली- ये पुलिस की वर्दी तुम्हारे बाप की गुलामी के लिए नहीं पहनी, वीडियो वायरल
गुजरात में मंत्री का बिगड़ैल बेटा कर्फ्यू का उल्लंघन कर बिना मास्क घूम रहा था, कांस्टेबल सुनीता यादव ने बिना किसी दबाव में आए अपनी ड्यूटी निभाई। इस कार्य के लिए उन्हें सम्मानित करना चाहिए था पर उन्हें पूरे प्रशासन के दबाव में इस्तीफा देना पड़ रहा है। शर्मनाक!
- मंत्री के बेटे ने धमकाते हुए कहा- 365 दिन यहीं खड़े रहने की ड्यूटी लगवा दूंगा
- महिला कॉन्स्टेबल बोलीं- औकात हो तो करवा देना मेरा ट्रांसफर गांधीनगर
वराछा में शुक्रवार करीब रात 10 बजे स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानाणी के बेटे प्रकाश और कॉन्स्टेबल सुनीता यादव के बीच हुई बहस हो गई। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस से लेकर राजनीतिक गलियारे तक में शनिवार को यह मुद्दा छाया रहा। दरअसल, विवाद की शुरुआत कार में सवार पांच युवकों के कर्फ्यू उल्लंघन मामले में महिला कॉन्स्टेबल द्वारा रोके जाने और उनके समर्थन में राज्यमंत्री प्रकाश कानाणी के मौके पर आने के बाद शुरू हुआ।
सहायक पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) पीएल चौधरी ने कहा कि महिला कांस्टेबल और मंत्री के बेटे के बीच हुई बहस की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस क्लिप में सुना जा सकता है कि मंत्री कुमार कनानी का बेटा प्रकाश महिला कांस्टेबल सुनीता यादव के साथ बहस कर रहा है और अपनी राजनीतिक पैठ को लेकर उसे धमका रहा है।
सूरत में कोरोना संक्रमण के बढते मामलों के चलते जहां एक ओर प्रशासन व पुलिस रात्रि कर्फ्यू से लेकर हीरा व टेक्सटाइल बाजार बंद कराने जैसे सख्त कदम उठा रही है वहीं मंत्री पुत्र रात को 10 बजे बाद बिना मास्क घूमते पकडे गये अपने दोस्तों को छुडाने पहुंच गये। वराछा पुलिस थाना के पॉइंट पर महिला पुलिसकर्मी सुनीता यादव ने इन युवकों को पकडा था। यहां इन युवकों ने सुनीता से दुर्व्यवहार किया तथा देख लेने की धमकी दी। तमाम घटनाक्रम के ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल होने पर हंगामा मच गया।
युवकों ने मंत्री पुत्र का दोस्त होने का पावर दिखाया और मंत्री पुत्र प्रकाश कानाणी भी एमएलए गुजरात लिखी कार लेकर वहां पहुंचे तो उनकी सुनीता यादव से कहासुनी हुई। इस पर प्रकाश व दोस्तों ने उसे देख लेने की धमकी दी व कहा कि तुम्हारी मां व बहन के साथ यहां 365 दिन खडा करा देंगे।
कांस्टेबल चिल्लाते हुए कहती हैं कि वह उनकी दास या उनके पिता की सेवक नहीं हैं कि वे उन्हें 365 दिनों के लिए खड़ा कर सकते हैं। तब वह यह सूचना देने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी को कॉल करती हैं कि कोरोना वायरस के चलते लगाये गये कर्फ्यू के दौरान रात दस बजे के बाद बिना मास्क लगाये कार से घूम रहे लोगों को उन्होंने जब रोका तब उन्होंने प्रकाश को बुला लिया।
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