कृष्णा राय की पत्नी अलका राय ने प्रियंका गांधी को लिखी भावुक चिट्ठी -‘ कहा ना बचाइए मुख़्तार को

पूर्व बीजेपी विधायक और स्वर्गीय कृष्णा राय की पत्नी अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी  को बेहद भावुक कर देने वाली चिट्ठी लिख कर अपना दर्द बयान किया है साथ ही मुख़्तार अंसारी को लेकर अपील की है।

पूर्व बीजेपी विधायक और स्वर्गीय कृष्णा राय की पत्नी अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी  को बेहद भावुक कर देने वाली चिट्ठी लिख कर अपना दर्द बयान किया है साथ ही मुख़्तार अंसारी को लेकर अपील की है।

मुझ जैसे सैकड़ों लोगों को इंसाफ से वंचित किया जा रहा है

उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है पिछले पन्द्र सालोसे वे अपने पति कृष्णा राय की हत्या के विरोध में इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है। आगे उन्होंने लिखा उस जुल्मी जुल्मी के खिलाफ जिसे आपकी पार्टी और पंजाब राज्य में आपकी सरकार उसे पूरा संरक्षण दे रही है।

यूपी में सभी तमाम अदालतों ने मुख़्तार अंसारी को तलब किया जा रहा है। लेकिन पंजाब सरकार उसे भेजने को तैयार नहीं है। हर बार कोई न कोई बहाना बना कर मुझे और मुझ जैसे सैकड़ों लोगों को इंसाफ से वंचित किया जा रहा है।

न जाने कितने मासूमों के सिर से पिता का साया छीना है

आगे लिखा कि बेहद शर्मनाक है कि आप की राजनीति पार्टी और उसके नेतृत्व की सरकार इतनी नेता के साथ मुख्तार अंसारी जैसे दुर्दांत अपराधी के साथ खुलकर खड़ी है कोई भी यह स्वीकार नहीं करेगा यह कुछ आपकी और राहुल की जानकारी के बगैर हो रहा है मुख़्तार अंसारी पेशेवर अपराधी है उसने 200 निर्दोषों को बेरहमी से हत्या की है और न जाने कितने मासूमों के सिर से पिता का साया छीना है।

आपको बता दें कि गाजीपुर जिले के गोडउर गांव में शाम होने वाली थी। तारीख थी 25 नवंबर 2005। नवंबर महीने के आखिर में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी थी। थोड़ी बारिश भी हो गई थी। मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय पड़ोस के सियारी गांव में जाने की तैयारी कर रहे थे।

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यहां एक क्रिकेट टूर्नमेंट का उद्घाटन करने के लिए उन्हें चीफ गेस्ट बनाया गया था। वह इस बात से पूरी तरह बेखबर थे कि आने वाले चंद घंटे उनकी जिंदगी के आखिरी घंटे साबित होने वाले हैं। राय को यह बिल्कुल भी आभास नहीं था कि जिस क्रिकेट टूर्नमेंट का फीता काटने के लिए वह जा रहे हैं, यह उनके द्वारा किया गया आखिरी उद्घाटन होगा। बगल के गांव जाना था इसलिए राय इतने निश्चिंत थे कि बुलेटप्रूफ गाड़ी घर में ही छोड़ दी और दूसरी गाड़ी से निकले। यह उनके जीवन की आखिरी भूल थी।

कृष्णानंद राय के भाई रामनारायण राय ने कोर्ट में बयान दिया था कि टूर्नमेंट का उद्घाटन करने के बाद राय शाम करीब चार बजे अपने गनर निर्भय उपाध्याय, ड्राइवर मुन्ना राय, रमेश राय, श्याम शंकर राय, अखिलेश राय और शेषनाथ सिंह के साथ कनुवान गांव की ओर जा रहे थे। राम नारायण राय के मुताबिक वह खुद दूसरे लोगों के साथ एमएलए की गाड़ी से पीछे चल रही गाड़ी में सवार थे। बसनियां चट्टी गांव से डेढ़ किलोमीटर आगे जाने पर सिल्वर ग्रे कलर की एसयूवी सामने से आई। उसमें से निकले सात-आठ लोगों ने एके-47 से गोलियों की बौछार कर विधायक समेत सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

हमले के दौरान करीब 500 से ज्यादा गोलियां चलीं

ऐसा आरोप था कि हमले के दौरान करीब 500 से ज्यादा गोलियां चलीं। हत्याकांड में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय, गनर निर्भय उपाध्याय, ड्राइवर मुन्ना, रमेश राय, श्याम शंकर राय, अखिलेश राय और शेषनाथ सिंह की मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम के दौरान सात शवों से 67 गोलियां बरामद की गई थीं। राम नारायण राय ने कोर्ट में बताया था कि फायरिंग के दौरान हमलावर बोल रहे थे कि, ‘मारो इसे, अफजाल भाई और मुख्तार भाई को बहुत तंग कर रखा है।’

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