जानिए नवरात्र के 5वें दिन क्यों की जाती है स्कंद माता की पूजा

आज शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती है। शास्त्रों के

आज शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है।

लखनऊ: ED दफ्तर पहुंची विकास दुबे की पत्नी ऋचा, अब कसेगा शिकंजा

स्कंदमाता का स्वरूप बेहद निराला है। उनकी चार भुजाएं हैं, स्कंदमाता ने अपने दो हाथो में कमल का फूल पकड़ रखा है। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। एक हाथ से उन्होंने अपनी गोद में बैठे पुत्र स्कंद को पकड़ रखा है। माता कमल के आसन पर विराजमान हैं। जिसके कारण स्कंदमाता को पद्मासना भी कहा जाता है।

स्कंदमाता अपने भक्तों से जल्द पसन्न होकर उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। कई लोगों का मानना है कि माता की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। कहा जाता है कि स्कंदमाता हर प्रकार के संकट हर लेती हैं। स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जाप भी किया जाता है। इसके साथ ही लोग माता की आरती भी करते हैं।

  • हमें फेसबुक पेज को अभी लाइक और फॉलो करें @theupkhabardigitalmedia 

  • ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @theupkhabar पर क्लिक करें।

  • हमारे यूट्यूब चैनल को अभी सब्सक्राइब करें https://www.youtube.com/c/THEUPKHABAR

Related Articles

Back to top button