जाने क्यों खास है बरसाने का लट्ठमार होली …
हर साल होली का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग होली के रंग में रंग जाते हैं।
जब बात होली की है तो ब्रज की होली की बात ही कुछ अलग है। यहां होलाष्टक के साथ ही होली का जश्न शुरू हो जाता है।
ब्रज के बरसाना और नंदगांव में होली अनोखे अंदाज में मनाई जाती है. यहां की होली का नाम है लट्ठमार होली।
लट्ठमार होली ब्रज का बहुत प्रसिद्ध त्योहार है। ब्रज में लट्ठमार होली सदियों से चली आ रही है।
यहां की होली देखने के लिए देश विदेश से लोग हर साल आते हैं।
मथुरा और बरसाना की लट्ठमार होली खुद में अनोखी है। कहा जाता है कि आज भी बरसाना की होली में श्रीकृष्ण और राधा रानी की झलक नजर आती है।
अपने आराध्य भगवान कृष्ण की छवि यहां के हुरियारों में लोग देखने की कोशिश करते हैं।
बरसाने की हुरियारिनों और नंदगांव के हुरियारों के बीच लट्ठमार होली होती है।
इसमें महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ बरसाती हैं।
पुरुष सिर के उपर छतरीनुमा चीज रखकर बचाव करते हैं. यह काफी दिलचस्प होता है।
इससे पहले हुरियारे नंदबाबा मंदिर में आशीर्वाद के बाद पताका लेकर निकलते हैं ।
वहां से हुरियारे पीली पोखर पहुंचते हैं।
भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के पवित्र प्रेम की कहानी की प्रतीक मानी जाती है।
यह मन को मोहित करने वाली होली होती है।
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