जानें मां-बाप की कौन सी छोटी गलतियां बच्चों पर डालती हैं बुरा असर
हर माता-पिता अपने बच्चों को ढेर सारा लाड प्यार देते हैं, इसी लाड प्यार के चलते वे कुछ सामान्य सी गलतियां कर देते हैं। जिसका बच्चे के विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
हर माता-पिता अपने बच्चों को ढेर सारा लाड प्यार देते हैं, इसी लाड प्यार के चलते वे कुछ सामान्य सी गलतियां कर देते हैं। जिसका बच्चे के विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जी हां भले ही आप अपने बच्चे के स्वस्थ विकास अच्छी आदतों के लिए उसके अच्छे माता-पिता बनना चाहते हैं, लेकिन कुछ गलतियाँ हैं, जो आप अनजाने में कर सकते हैं। जिनका कि आगे चलकर आपके बच्चे पर गहरा प्रभाव छोड़ सकती हैं। आइए जानते हैं, इन गलतियों के बारे में-
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हेलीकाप्टर पेरेंटिंग
हेलीकाप्टर पेरेंटिंग में माता-पिता अपने बच्चों को निगरानी रखते हैं और उनके चारों ओर साये की तरह मंडराते रहते हैं। पेरेंटिंग का यह तरीका अधिकर हाई स्कूल और कॉलेज जाने वाली उम्र पर अभिभावक अपनाते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चे के प्रति ओवर प्रोटेक्टिव होने लगते हैं और बच्चे से हर वक्त क्यूं, क्या जैसा सवाल पूछते हैं। जिससे बच्चा चिड़चिड़ा होने के साथ झूठ बोलने को भी मजबूर हो जाता है। इसके अलाव वह कोई फैसला लेने में, सही गलत में समझ रखने में या फिर अकेले कहीं जाने से घबराने लगता है और बच्चे की निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है।
बुली
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चे को अनजाने या फिर मजाक ही मजाक में बच्चे के वजन, रंग या व्यवहार का आलोचना या मजाक बनाते हैं। ऐसा करना बच्चे को बुली बना सकता है। जी हां आप सोच भी नहीं सकते हैं कि आप इस मजाक से अपने बच्चे को चिंता, तनाव, जुनूनी व्यवहार या अवसाद का शिकार बना सकते हैं।
बच्चे की अधिक प्रशंसा
बच्चे की सफलता और अच्छे कामों के लिए उसकी प्रंशसा या तारीफ करना सही है। लेकिन गलती में भी बच्चे की गलती को छिपाना और उसे बढ़ावा देना घातक हो सकता है। पेरेंट्स की बच्चों को ओवरप्रेट करने की आदत आपके बच्चों में सही और गलत की उचित समझ से दूर कर, हमेशा खुद को सही मानने की आदत डाल सकती है।
अपने बच्चे की तुलना न करें
आम अभिभावकों में यह बात देखी जाती है और यह इन्हीं गलतियों में से एक है जब माता-पिता अपने बच्चों की तुलना अपने रिश्तेदारों के बच्चों व पड़ोसियों के बच्चों से करने लगते हैं। ऐसा करते वक्त अभिभावक अपने बच्चे की कमियां गिनवाने लगते हैं जिससे बच्चा खुद को छोटा महसूस करने लगता है और ऐसा करना उसके स्वाभिमान पर असर डाल सकता है। इसके अलावा इससे वह खुद को नालायक, नाकार या फिर अक्षम महसूस करवा सकती है। अभिभावकों को ऐसा करने की बजाय आप अपने बच्चे की उपलब्धियों की उसकी अच्छाईंयों के साथ बच्चे को समझाएं और उसके गलत काम पे सुधारने की कोशिश करें।
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