जानिए जेवर एयरपोर्ट की क्या है खासियत, मिलेगी सुविधाएँ
आगामी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन में पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति देगा।
आगामी जेवर (Jewar Airport) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन में पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति देगा। हवाई अड्डा (Jewar Airport) एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है जिसमें शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है और इसे चार चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण की परियोजना की लागत 8,916 करोड़ रुपये है।
हवाई अड्डा 1,334 हेक्टेयर भूमि में फैला होगा और इससे लगभग 12 मिलियन यात्रियों को लाभ होगा। न केवल हवाई अड्डे (Jewar Airport) के काम में बल्कि वेयरहाउसिंग, रक्षा और भोजन जैसे उद्योगों में भी नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे। अगले कुछ वर्षों में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यातायात को जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर मोड़ने की उम्मीद है।
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नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jewar Airport) के पहले चरण में सालाना 12 मिलियन यात्रियों को ले जाने की उम्मीद है। पूरा होने पर, जवाहरलाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की क्षमता 2040-50 तक सालाना 70 मिलियन यात्रियों को संभालने की होगी। उत्तर प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास पर 4,326 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हवाई अड्डा डिफेंस कॉरिडोर से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब के साथ ग्राउंड ट्रांसपोर्ट हब माना जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट हरियाणा के फरीदाबाद जिले को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जोड़ेगा।
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