यहां जानिये नरेंद्र गिरी के प्रिय शिष्य आनंद गिरी के विवादित व्यक्तित्व के बारे में

तमाम तरह के आरोपों के बीच, नरेंद्र गिरी की मौत के रहस्य का पर्दाफास करने में शाबित हो सकते हैं अहम कड़ी

पुलिस को घटनास्थल पर मिले साक्ष्य के अनुसार आनंद गिरी महंत नरेंद्र गिरी के मौत की पहेली को हल करने में एक अच्छी कड़ी साबित हो सकते हैं। गुरु शिष्य परम्परा में एक समय पर दोनों का उदाहरण पेश किया जाता था करते। आनंद गिरी ने संत सम्प्रदाय में अपने कदम पंचायती अखाड़े श्री निरंजनी के जरिये रखे। संत समाज में कभी इनका एक बेहतरीन ओहदा हुआ करता था।

समय के साथ साथ आनंद गिरी पर आरोपों का सिलसिला चलता रहा। तमाम तरह के आरोपों से आये दिन आनंद गिरी का पाला पड़ता रहता था। आनंद गिरी पर कभी संत समाज के लोगों ने कई गंभीर आरोप लगाए तो कभी खुद उनके गुरु नरेंद्र गिरी के साथ उनकी तकरार की ख़बरें आने लगी। पूरा विवाद मात्र सम्पत्ति को लेकर था।

श्री मठ बाघंबरी की गद्दी को लेकर आये दिन गुरु शिष्य के बीच लगातार अनबन की ख़बरें आ रही थी। एक बार तो आनंद गिरी ने स्वयं को मठ का उत्तराधिकारी तक घोषित कर दिया था। तमाम तकरार के बीच एक समय दोनों गुरु शिष्य के सम्बन्ध सुधरते नजर आये। परन्तु क्या वास्तव में ये रिश्ते सुधरे थे या नहीं यह हाल की घटना के बाद एक जांच का विषय बन चूका है।

आनंद गिरी रह चुके हैं न्यायिक हिरासत में

आनंद गिरी एक विवादित व्यक्तित्व वाले सन्यासी रहे हैं। आये दिन इन पर लगने वाले आरोप यह सिद्ध करते हैं कि इन्होने संन्यास धर्म का ठीक तरीके से पालन नहीं किया। कहा जाता है कि संन्यास धारण करने के बाद भी इनके अपने परिवार से रिश्ते नहीं टूटे थे। उनपर यह भी आरोप लगाया गया था कि वे मंदिर को मिले हुए दान के रुपयों से अपने परिवार के सगे संबंधियों और रिश्तेदारों को समृद्ध बना रहे थे।

संत परंपरा के निर्वहन ना करने के अलावा 2018 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाली एक विदेशी महिला ने आनंद गिरी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। जिसके बाद आनंद गिरी को न्यायिक हिरासत में भी रहना पड़ा था। एक समय पर श्री मठ बाघंबरी गद्दी के उत्तराधिकारी के रूप में आनंद गिरी को देखा जाता था लेकिन इन्ही आरोपों के वजह से महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी को मठ बाघंबरी गद्दी से भी निष्काषित कर दिया था।

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