कौशांबी: जिला अस्पताल में धूल फांक रहे वेंटिलेटर, ऑपरेटर की नियुक्ति न होने से बंद है वेंटिलेटर

यूपी के कौशांबी में संयुक्त जिला अस्पताल में 9 नए वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं। तकरीबन साल भर पहले वेंटीलेटर अस्पताल में आ गया है। लेकिन अभी तक एक भी वेंटिलेटर चालू नहीं किया गया है।

यूपी के कौशांबी में संयुक्त जिला अस्पताल में 9 नए वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं। तकरीबन साल भर पहले वेंटीलेटर अस्पताल में आ गया है। लेकिन अभी तक एक भी वेंटिलेटर चालू नहीं किया गया है। रखरखाव ठीक से न होने के चलते वेंटीलेटर में धूल जम गई है। नतीजा गंभीर मरीजों को बेहद ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मौजूदा समय में कोरोना काल चल रहा है। मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने में होती है। इस समय मरीजों को ऑक्सीजन के बाद वेंटीलेटर की बेहद जरूरत है पर वेंटिलेटर ना चलने के कारण कोरोना संक्रमित मरीज वेंटिलेटर का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने बताया कि वेंटिलेटर चलाने के लिए शासन की तरफ से ऑपरेटर नियुक्त नहीं है। इसके चलते वेंटिलेटर नहीं चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वेंटिलेटर चलने से ऑक्सीजन की खपत भी अधिक होती है और अभी जिले में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में ही है। जब ऑक्सीजन की उपलब्धता हो जाएगी तो ऑपरेटर की नियुक्ति करवाकर वेंटिलेटर चालू करा दिया जाएगा।

कौशांबी में काल रूपी कोरोना संक्रमण का कहर तेजी से बरप रहा है। जिले में 5 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हो चुके हैं। नार्मल संक्रमित मरीजों को छोड़कर गंभीर लोगों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा समस्या सांस लेने में होती है।

ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है और मरीजों के प्राण बचाने के लिए वेंटीलेटर की भी आवश्यकता होती है। संयुक्त जिला चिकित्सालय में साल भर पहले नहीं वेंटिलेटर आ कर रखे हैं। लेकिन इस परिस्थिति में भी वेंटिलेटर को चालू नहीं किया गया। वेंटिलेटर चालू ना होने से कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है और मरीजों की अकाल मौत हो रही है।

स्वास्थ्य महकमा हाथ पर हाथ रखकर बैठा हुआ है। कोरोना संक्रमित मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि उनके मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन से कहा भी जाता है लेकिन वेंटिलेटर नहीं चल रहा है। वेंटिलेटर का रखरखाव भी ठीक से नहीं हो रहा है। जिसके चलते वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं।

report- saif rizvi

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