कौशांबी : भूमाफिया समाप्त कर रहे हैं आम की बाग़

मीठे आम के नाम से मशहूर कौशांबी का जिला मुख्यालय चारों तरफ से आम के हरे बागों से घिरा हुआ था।

मीठे आम के नाम से मशहूर कौशांबी का जिला मुख्यालय चारों तरफ से आम के हरे बागों से घिरा हुआ था। पिछले कुछ साल से यहां भू-माफिया सक्रिय हो गए हैं। प्‍लाटिंग करने के लिए आम के हरे बागों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। भू-माफिया अपने रसूख और साठगांठ करके चार-पांच पेड़ों की अनुमति लेकर पूरी बाग़ कटवा रहे हैं। माफियाओं ने इसके लिए गज़ब का तरीका निकाला हैं। पहले वो पेड़ की डार काटते हैं। फिर मौका मिलते ही जेसीबी लगा कर जड़ निकाल कर ग़ायब कर देते हैं। लेकिन विभाग के अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।पांच-पांच करके आम के दर्जनों पेड़ कटने से हरा भरा चमन मैदान में तब्दील हो गया है लेकिन, प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। 

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प्‍लाटिंग में अधिक आमदनी होने के फेर में भू-माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि डीएम,एसपी और वन विभाग कार्यालय पास होने के बावजूद रात दिन पेड़ काट रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल हैं कि फल दे रहे आम के पेड़ को निस्प्रोज बता कर क्यों पूरी बाग़ काटने की अनुमति दी जाती हैं। साथ ही कई अन्य विभागों से भी पेड़ काटने की अनुमति लेनी होती हैं। लेकिन माफिया सारे विभागों को धता बताते हुए धड़ल्ले से हारे भरे बागों को  समाप्त का रहे हैं। भूमाफिया ने वन विभाग से साठ-गांठ कर के तकरीबन 2 माह पहले पांच पेड़ का परमिशन लिया था। उस पर पांच पेड़ काटे। अवधि समाप्त होने पर रिनिवल करवाया फिर पांच पेड़ काटे। अब फिर उसी परमिशन को दिखाया जा रहा हैं। और कार्यवाई करने वाला कोई नही हैं। ऐसे में जनपद की हरियाली समाप्त होने से कोई बचा नही सकता हैं। बाग़ काटने की सूचना पर तहसीलदार मंझनपुर मौके पर पहुचे। मीडिया के सवाल पर कहा कि पांच पेड़ की अनुमति थी, लेकिन कई पेड़ काटे गए हैं। जांच कर कार्यवाई की जाएगी।

report- saif Rizvi

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