कौशाम्बी: कुएं का दूषित पानी पीने से लगभग दो दर्जन लोग हुए डायरिया के शिकार

यूपी के कौशाम्बी ज़िले में सरकार और सरकारी अफसरों की लापरवाही के चलते डायरिया ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। मुख्यालय से महज़ 7 किमी दूर गांव मे कुंए के गन्दे पानी से लगभग दो दर्जन लोगों को डायरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है।

यूपी के कौशाम्बी ज़िले में सरकार और सरकारी अफसरों की लापरवाही के चलते डायरिया ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। मुख्यालय से महज़ 7 किमी दूर गांव मे कुंए के गन्दे पानी से लगभग दो दर्जन लोगों को डायरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है। डायरिया की चपेट में आने से तकरीबन 22 लोग बीमार हो गए। लोगो को उल्टी और दस्त की शिकायत हैं। सूचना मिलने के बाद सीएमओ ने एक टीम बना कर गाँव भेज कर ग्रमीणों को दवा वितरण कराया।

स्वस्थ्य टीम ने बीमार लोगो के घरों पर ही गलूकोज की बोतल टांग कर इलाज़ किया। बताया जा रहा है कि सिराथू तहसील इलाके के नियामतपुर गांव में सम्भवता बरसात का गंदा पानी पास के एक कुँए में जा रहा था। उसी कुँए से ग्रमीणों ने दूषित पानी निकाल कर पी लिया। जिसके बाद गांव के कई बच्चे समेत लगभग 22 लोग बीमार हो गए। ग्रमीणों को उल्टी और दस्त होने लगी। लगभग आधा दर्जन बीमार का निजी अस्पतालो में इलाज़ चल रहा हैं।

जहां एक तरफ योगी सरकार और और उनके मंत्रियों के द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं वही उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में हुई इस घटना से सरकार के दावों की हवा निकलती दिख रही है आजादी के 75 सालों बाद भी जहां ग्रामीण इलाकों में लोग आज भी कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर है ये हाल सूबे के कद्दावर नेता डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद का है।
एक तरफ जहां केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जनपद का दौरे पर दौरा करते रहते हैं और विकास के बड़े बड़े दावे करते हैं वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम के घर से महज लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर नियामतपुर गांव की जनता के लिए पीने के पानी के नाम पर सैकड़ों वर्ष पुराना कुआं है । लोग आज भी कुएं का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।

रिपोर्ट- मानसिंह विश्वकर्मा

 

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