कारगिल विजय दिवस : कारगिल युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था वो भारत कभी नहीं भूल सकता-पीएम नरेंद्र मोदी

“सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।”

– पीएम मोदी का देशवासियों के नाम संबोधन :-

#KargilVijayDiwas पर हम 1999 में हमारे देश की लगातार रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प को याद करते हैं। उनकी वीरता पीढ़ियों को प्रेरित करती है. 

कारगिल युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था वो भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पाल कर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आतंरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था.

भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था लेकिन कहा जाता है न दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना। इसलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की, उसके बाद पूरी दुनिया ने भारत की वीर सेना का पराक्रम देखा।

Kargil Vijay Diwas :- मैं आपसे आज gallantryawards.gov.in वेबसाइट को विज़िट करने का आग्रह करता हूं। वहां आपको हमारे वीर पराक्रमी योद्धाओं के बारे में और उनके परक्रम की बहुत सी जानकारियां प्राप्त होंगी.

मैं इन दिनों देख रहा हूं कि कई लोग और संस्थाएं इस बार रक्षाबंधन के पर्व को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रही हैं। कई लोग इसे वोकल फॉर लोकल से भी जोड़ रहे हैं। हमारे पर्वों से जब आस-पास के लोगों का व्यापार बढ़े और उनका पर्व खुशहाल हो तब पर्व का आनंद कुछ और ही हो जाता है.

  • बिहार में कई वूमन सेल्फ हेल्प गुप्स ने मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बनाना शुरू किया है
  • देखते ही देखते ये खूब पॉपुलर हो गए हैं।
  • ये मधुबनी मास्क एक तरह से अपनी परंपरा का प्रचार तो करते ही हैं
  • लोगों को स्वास्थ्य के साथ रोज़गार भी देते हैं.
आज हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु दर भी दुनिया के ज़्यादातर देशों से काफी कम है.
  • बारिश के मौसम में देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से भी जूझ रहा है।
  • बिहार,असम जैसे राज्यों के कई क्षेत्रों में बाढ़ ने काफी मुश्किलें पैदा की हुई हैं
  • यानी एक तरफ कोरोना है तो दूसरी तरफ ये एक और चुनौती है।
  • इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है.

हाल ही में श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी सूरीनाम के नए राष्ट्रपति बने। वे भारत के मित्र हैं उन्होंने साल 2018 में आयोजित पर्सन ऑफ इंडियन ऑरिजन पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने शपथ की शुरूआत वेद मंत्रों के साथ की और संस्कृत में बोले।

  • यानी हे अग्नि! संकल्प के देवता मैं एक प्रतिज्ञा कर रहा हूं।
  • मुझे इसके लिए शक्ति सामर्थ्य प्रदान करें।
  • मुझे असत्य से दूर रहने और सत्य की ओर जाने का आशीर्वाद प्रदान करें।
  • सच में ये हम सबके लिए गौरवांवित होने वाली बात है.
  • अपने हाथ में वेद लेकर वे बोले- मैं चंद्रिका प्रसाद संतोखी और आगे मंत्रोच्चारण किया,

“ॐ अग्ने व्रतपते व्रतं चरिष्यामि तच्छकेयं तन्मे राध्यताम्। इदमहमनृतात् सत्यमुपैमि।

साथियों, 7 अगस्त को National Handloom Day है।

भारत का Handloom, हमारा Handicraft, अपने आप में सैकड़ो वर्षों का गौरवमयी इतिहास समेटे हुए है।” – पीएम मोदी

हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि न सिर्फ भारतीय Handloom और Handicraft का ज्यादा-से-ज्यादा उपयोग करें, बल्कि, इसके बारे में, हमें, ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को बताना भी चाहिए।” – पीएम मोदी

भारत का Handloom और Handicraft कितना rich है, इसमें कितनी विविधता है, ये दुनिया जितना ज्यादा जानेगी, उतना ही, हमारे Local कारीगरों और बुनकरों को लाभ होगा I” पीएम मोदी

साथियो, विशेषकर मेरे युवा साथियो, हमारा देश बदल रहा है ।

कैसे बदल रहा है?
कितनी तेज़ी से बदल रहा है ?
कैसे-कैसे क्षेत्रों में बदल रहा है ?

एक सकारात्मक सोच के साथ अगर निगाह डालें तो हम खुद अचंभित रह जायेंगे। – पीएम मोदी।

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