इस साल होने वाली कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने लिया बड़ा फैसला
कांवड़ यात्रा को लेकर बिजनौर और हरिद्वार की सीमा पर चिड़ियापुर में शनिवार को दोनों राज्यों की समन्वय समिति की बैठक हुई। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।
देश में कोरोना की तीसरी लहर की भविष्वाणी को देखते हुए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कोरोना को देखते हुए इस बार ये फैसला लिया गया है कि इस साल उत्तराखंड में कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके साथ ही अगर कोई भी कांवड़ यात्री बिना अनुमति के हरिद्वार में प्रवेश करते हुए पकड़ा जाता है। तो फिर उसके ख़िलाफ़ उत्तराखंड सरकार आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और साथ ही उसे 14 दिन के पृथक-वास में भी रखा जाएगा।
दोनों राज्यों के बॉर्डर पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
कांवड़ यात्रा को लेकर बिजनौर और हरिद्वार की सीमा पर चिड़ियापुर में शनिवार को दोनों राज्यों की समन्वय समिति की बैठक हुई। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। इस बैठक में इस बात पे ज्यादा जोर दिया गया है कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों को प्रवेश करने से कैसे रोका जाये। इसी को देखते हुए। ये फैसला लिया गया है कि दोनों राज्यों की सीमा पर निगरानी रखी जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि नजीबाबाद तहसील और हरिद्वार के बीच सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
प्रदेश में प्रतीकात्मक तरीके से निकलेगी कावड़ यात्रा
जहां तक उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा निकलने की बात है तो इसको लेकर प्रशासन ने कुछ तैयारियां की है। बिजनौर प्रशासन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा कोरोना वायरस संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रतीकात्मक निकाली जाएगी। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार कोरोना के चलते हरि की पौड़ी सील रहेगी।
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