कानपुर कांड: STF के हाथ लगा विकास दुबे का खजांची, 1 हफ्ते पहले ट्रांसफर किए थे 15 लाख रुपए

लखनऊ. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी मोस्ट वांटेड विकास दुबे घटना के 4 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। फरार विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस की 60 टीमों के साथ यूपी एसटीएफ की कई टीमें उसे पकड़ने के लिए लगाई गई है। विकास दुबे के कई करीबियों को हिरासत में लेने के बाद अब एसटीएम ने फाइनेंसर जय बाजपेई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की है। एसटीएफ ने खजांची जय बाजपेई को लेकर कानपुर से लखनऊ पहुंची है।

बताया जा रहा है, हजारों करोड़ का मालिक विकास दुबे का सारा काला कारोबार का जिम्मा इसी खजांची जय बाजपेई के जिम्मे था। वह विकास दुबे की अघोषित संपत्ति ठिकाने लगाने के साथ काली कमाई का सारा धन रियल स्टेट और शराब के कारोबार में लगाता था। कानपुर एनकाउंटर से 1 हफ्ते पहले है ही जय बाजपेई ने विकास दुबे के एकाउंट में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।

कानपुर के बड़े कारोबारी माने जाने वाले जय बाजपेयी को विकास दुबे की फरारी के मामले में एसटीएफ पूछताछ के लिए लखनऊ लाई है। जय बाजपेयी ही विकास दुबे का फाइनेंसर बताया जा रहा है। जय बाजपेयी ने एक हफ्ते पहले विकास दुबे के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। जय ने इस राशि को विकास से दो प्रतिशत ब्याज पर लिया था। जय ने विकास से 5.50 करोड़ रुपया लेकर किसी और को दिया था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी ने दुबई में 15 करोड़ में फ्लैट खरीदा है। जय बाजपेयी अभी लखनऊ में एसटीएफ की गिरफ्त में है।

जय बाजपेयी ने कम समय में करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसके साथ ही उसका लखनऊ – कानपुर रोड पर एक पेट्रोल पम्प है। वह अवैध रूप से चल रहे पम्प का मालिक है। संपत्ति के मामले में जय और भाई रजय की कई बार जांच हुई। जांच में दोनों ही भू-माफिया बताए गए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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