कानपुर में स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस चालकों की हड़ताल को देखते हुए शुरू की वैकल्पिक व्यवस्था
असल में स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से एंबुलेंस को चलाने के लिए ड्राइवरों की मांग की है। ताकि एंबुलेंस चालकों की इस हड़ताल का असर मरीजों पे न पड़े।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रही एंबुलेंस चालकों की हड़ताल अब आम जनता के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है। हड़ताल की वजह से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में ख़ासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी परेशानी को कम करने के लिए प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर में जिला प्रशासन ने कानपुर के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर एंबुलेंस को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था देखना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक एंबुलेंस चालकों द्वारा की जा रही हड़ताल अब लंबी खींचते हुए दिख रही है। इसी चीज़ को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल के असर को कम करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। जिले के सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि 80 में से 65 एंबुलेंस को चलाने की व्यवस्था कर ली गई है। जबकि 3 ALS यानी एडवांसड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में से 2 ALS चलाई जा रही हैं।
असल में स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से एंबुलेंस को चलाने के लिए ड्राइवरों की मांग की है। ताकि एंबुलेंस चालकों की इस हड़ताल का असर मरीजों पे न पड़े।
वैकल्पिक व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती – हड़ताल पे गए एंबुलेंस चालक
प्रशासन के इस कदम को हड़ताल पे गए एंबुलेंस चालकों ने ज्यादा समय तक न चलने वाली व्यवस्था बताई है। उन्होंने ने कहा कि जो ड्राइवर टेंपो, ट्रक और दूसरी गाड़ी चलाते थे उन्हें एंबुलेंस को चलाने के काम में लगाया गया है।
ऐसे में एंबुलेंस नौसिखिए चला रहे हैं और तमाम गलतियां भी कर रहे हैं। उन्हें ये आशा है कि अब उनकी नौकरी स्थायी हो सकती है। क्योंकि उन्हें ऐसा कहकर एंबुलेंस चलवाई जा रही है। आंदोलन खत्म करने पे उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
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