Kanpur Encounter: घायल एसओ ने बताया- मोस्ट वांटेड विकास दुबे के घर दबिश देने गई उस रात की पूरी कहानी

लखनऊ. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में 3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने पुलिस महकमे की चूलें हिला कर रख दी है। मोस्ट वांटेड घोषित हो चुका विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं उस पर इनाम की धनराशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है। इसी बीच बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें 2 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम के साथ क्या हुआ था इस बात का खुलासा किया है।

बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उस रात पुलिस एनकाउंटर के इरादे से नहीं गई थी और न ही उनके पास पर्याप्त मात्रा में असलहे थे। लेकिन विकास दुबे और उसका गैंग पूरी तैयारी में था। उन्होंने बताया कि 2 जुलाई की रात करीब 12 बजे दबिश देने की तैयारी थी। उनके साथ उनकी टीम थी, साथ ही चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी मय फोर्स व एक अन्य थाने की फोर्स भी थी। इसके अलावा सीओ भी थे। सभी लोग करीब साढ़े 12 बजे घर से करीब 22 मीटर की दूरी पर गाड़ी से उतरकर घर की तरफ बढ़े। रास्ते में JCB को इस तरह से खड़ा किया गया था कि कोई गाड़ी न निकल सके। पैदल भी एक बार में एक ही आदमी निकल सके।

एसओ कौशलेंद्र सिंह ने मीडिया से बताया कि विकास दुबे के घर के आसपास ठीक से लाइट नहीं जल रही थी, जिसके कारण हम उन्हें नहीं देख सके। जबकि वे हमें ठीक से देख रहे थे। जैसे ही मैं और मेरे साथ सिपाही अजय सेंगर JCB क्रॉस कर आगे बढ़े, अचानक गोली चलने लगी। सिपाही सेंगर ने बताया कि उसके पेट में गोली लगी है। मैं कवर फायर देते हुए उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगा। इस दौरान मैंने चार से पांच राउंड गोली चलाई होगी। पुलिस टीम एनकाउंटर की तैयारी कर नहीं गई थी, पर्याप्त असलहे भी पास में नहीं थे।

उन्होने बताया विकास दुबे पूरी तैयारी में था तीन थानों की पुलिस टीम जब उसके घर से 200 मीटर की दूरी पर अपनी गाड़ी खड़ी कर पैदल आगे बढ़ी तो JCB क्रॉस करते ही तीन तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। अचानक हुई इस फायरिंग में पुलिसवालों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। अनुमान के मुताबिक करीब 15 लोग गोली चला रहे थे। जिस रफ़्तार से गोली चल रही थी, उससे तो यही लगता है कि उनके पास सेमी ऑटोमेटिक वेपन्स थे, क्योंकि सिंगल शॉट वेपन्स से इस तरह गोली नहीं चल सकती। अंधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था, इसलिए यह बताना मुश्किल है कि गोली किससे चल रही थी।

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