झांसी: कर्ज में डूबे किसान ने ढाई लाख रुपये की रिकवरी का आदेश आने के बाद फांसी लगाकर दी जान

कुदरत का कहर और बैंक के कर्ज तले दबे होने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हुआ किसान, ग्रामीण कर रहे मुआवजे की मांग

यूपी के झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के गांव सहपुर खुर्द से एक दर्दनाक खबर आई है। जहां कर्ज के बोझ तले दबे एक किसान को आत्महत्या करनी पड़ी। मृतक किसान चंद्रभान सिंह ने बीती रात घर के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किसान 10 बीघा जमीन का काश्तकार था। लेकिन कुदरत का कहर और बैंक के कर्ज तले दबे होने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया।
जानकारी के मुताबिक मृतक पर केसीसी के करीब पचास हजार रुपये और सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत होने पर कोर्ट में पांच लाख रुपये जमा करने का आदेश जारी हुआ था। जिसकी वजह से वो मानसिक तनाव में रहता था। ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
किसान चंद्रभान सिंह की उम्र करीब 36 साल थी। वो खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां, दो बेटे और तीन भाई हैं। उसके पास करीब पांच बीघा भूमि थी। उसने केसीसी पर पचास हजार रुपये का कर्ज लिया था। पिछले दिनों ट्रैक्टर से हुई दुर्घटना में एक ग्रामीण की मौत का पांच लाख रुपया मुआवजा पीड़ित को देने के लिए कोर्ट में जमा करने का आदेश जारी हुआ था।
किसान ने बड़ी मुश्किल से उसने ढाई लाख रुपये जमा कराए थे। मुआवजे की बाकी बची रकम समय पर जमा न करा पाने की वजह से तहसील की तरफ से रिकवरी करने का आदेश जारी हुआ था। इस बात से परेशान होकर किसान ने बृहस्पतिवार को फांसी के फंदे  से लटककर अपनी जान दे दी।
किसान की मौत की खबर के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का भी यही कहना है कि किसान कर्ज से परेशान था। जिसके बाद उसने आत्महत्या का कदम उठाया। वहीं प्रशासन ने कहा है कि कर्ज की बात सही पाई जाती है तो मृतक के परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।

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