झांसी को ‘कृषि प्रोसेसिंग हब’ बनाने के लिए कृषक उद्यमियों से जोड़ी जा रही हैं सरकारी योजनाएं

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) जिले में कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों एवं अन्य कृषक उद्यमियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे...

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) जिले में कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों एवं अन्य कृषक उद्यमियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे झांसी को कृषि प्रोसेसिंग हब (Agricultural Processing Hub) बनाया जा सके।

झांसी का कृषि परिदृश्य

बता दें कि झांसी (Jhansi) एग्रोक्लाइमेटिंक जोन-6 के अंतर्गत आता है। जिले का कुल प्रेतिवेदित क्षेत्रफल 5.013 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 3.340 में खेती की जाती है। लगभग 3.260 लाख हेक्टेयर रबी में फसलें बोई जाती हैं। यहां की सिंचाई का मुख्य श्रोत नहरें हैं, जो लगभग पूर्णता वर्षा पर आश्रित है। जनपद विभिन्न श्रोतों से 1.054 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हैं। नहरों से 1.210 लाख हेक्टयर, राजकीय नलकूपों से 0.035, निजी नलकूपों से 0.331 लाख हेक्टेयर, कुओं से 1.134 लाख हेक्टेयर एवं तालाबों से 0.35 लाख हेक्टेयर और अन्य साधनों से 0.029 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई होती है। इस वर्ष झांसी की वार्षिक वर्षा (जून से सितंबर तक) 402.56 मिमीटर हुई। सिंचित क्षेत्र का लगभग 44 प्रतिशत क्षेत्र नहरों से सिंचित किया जाता है। जनपद में 182 राजकीय नलकूप हैं, जो मुख्ययता मोंठ, चिरगांच एवं बड़ागांव रबी की समामान्यता कम पानी चाहने वाली फसलें चना, मटर, मसूर, राई/सरसों एवं जौं की खेती प्रति नलकूप पर अधिक से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई करने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है, जिससे सिंचाई संसाधनों का समूचित उपयोग हो सके।

 

ये भी पढे़ं- आजमगढ़ : एक्सप्रेस-वे कार्य की प्रगति की समीक्षा करने पहुंचे निर्माणाधीन पूर्वांचल

झांसी (Jhansi) में कृषि आधारित संभावनाएं…

* बुंदेलखंड में दलहनी एवं तिलहनी फसलों में उत्पादन एवं इनसे जुड़े उद्योगों को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से 100 हेक्टेयर के कलस्टर बनाकर इन फसलों में उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।

* बुंदेलखंड की जलवायु मोटे अनाजों में उत्पादन के लिए अनुकूल है एवं इसका उत्पादन बढ़ाकर घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए कृषि विभाग कृषकों को मिनीकिट्स उपलब्ध करा रहा हूं।

* बुंदेलखंड में देसी कठिया गेहूं के माध्यम से इसमें वैल्यू एडिड प्रोड्क्टस को बढ़ावा दिया जा सकता है। जिसके लिए जनपद में एफपीओ तेजी से कार्य कर रहे हैं।

* अन्य फसलें, जिनमें लैमन ग्रास, पामारोजा, खस एवं बांस सम्मिलित हैं, के उत्पादन के लिए एफपीो के माध्यम से कार्य योजना बनाई जा रही है।

ये भी पढ़ें- अजब- गजब: बॉस ने नहीं दी ऑफिस से छुट्टी तो युवक ने कर डाली किडनैपिंग की साजिश

झांसी (Jhansi) में संचालित कृषक उत्पादक संगठन का संक्षिप्त विवरण…

* झांसी (Jhansi) में 14 कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) पंजीकृत है, जो कि कृषि के विभिन्न आयामों में कार्यरत है।

* जिनमें लगभग 2900 कृषक सीधे जुड़े हुए हैं। जनपद के सभी विकास खंडों में एफपीओ संचालित हैं।

* कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा लगभग 5800 एकड़ क्षेत्रफल में कृषि एवं अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही है, जिनमें बुंदेलखंड के देशी कठिया गेहूं, खरीफ रबी में बोई जाने वाली सभी दलहनी, तिलहनी व खाद्यान्न वाली फसलें जैविक रूप में जागरुकता बढ़ रही है।

झांसी डीएम आंद्रा वामसी

Related Articles

Back to top button