आधुनिक सुविधाओ से लैस होगा जेवर एयरपोर्ट – पीएम मोदी
आज जेवर एयरपोर्ट के भूमिपूजन के साथ ही दाऊ जी मेले के लिए प्रसिद्ध जेवर भी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित हो गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली एनसीआर और पश्चिम यूपी के करोड़ों लोगों को होगा।
आज जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के भूमिपूजन के साथ ही दाऊ जी मेले के लिए प्रसिद्ध जेवर भी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित हो गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली एनसीआर और पश्चिम यूपी के करोड़ों लोगों को होगा। 21वीं सदी का भारत आज एक से बढ़कर एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है, बेहतर सड़कें, बेहतर रेल ये सिर्फ इंफ्रा नहीं होते हैं बल्कि पूरे लोगों का जीवन बदल देते हैं। बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा। ये इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा। कल्पना कीजिए आज भी हम अपने 85 प्रतिशत विमानों को एमआरओ सेवा के लिए विदेश भेजते हैं और इस काम के लिए हर वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों को जाता है, लेकिन अब जेवर में ही यह सुविधा होगी।
रोजगार के खुलेंगे कई नये रास्ते – पीएम मोदी
यहां अलीगढ़, मथुरा, बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद ऐसे अनेक औद्योगिक क्षेत्र हैं, एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिम क्षेत्र की बड़ी हिस्सेदारी है। इसीलिए यह एयरपोर्ट यहां के लोगों के लिए एक नई गति देगा। हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं। हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हज़ारों लोगों की आवश्यकता होती है। पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को यह एयरपोर्ट (Jewar Airport) नए रोजगार भी देगा। मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिसर्विटी, मुरादाबाद का पीतल, आगरा का फुटवियर और पेठा, सहारनपुर का फर्नीचर हो, इन सभी उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना अब और भी आसान होगा। आजादी के 7 दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरू हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है।
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जब एयर कनेक्टविटी बढ़ती है तो टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिलता है, अब यूपी के जेवर में बन इस एयरपोर्ट (Jewar Airport) से भी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। आजादी के इतनों सालों तक तो उत्तर प्रदेश को ताने सुनने के लिए मजबूर कर दिया गया था, कभी जातिवादी के ताने, कभी अपराधी माफिया राजनीति गठजोड़ के ताने, लोगों के यही सवाल थे कि क्या कभी यूपी की सकारात्मक छवि बन पाएगी की नहीं।
इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नही राष्ट्रनीति का हिस्सा
मोदी योगी भी अगर चाहते तो 2017 में ही यहां आकर भूमिपूजन कर देते,और अखबार में फोटू खींच जाती,लेकिन अगर कुछ कर देते तो पहले की सरकार में जैसे होते थे,हो जाता कुछ गलत नही होता, लेकिन प्रोजेक्ट्स जमीन पर कैसे उतरेंगे उस पर विचार ही नही होता था,प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ जाती थी। लेकिन हमने ऐसा नही किया, इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नही राष्ट्रनीति का हिस्सा है,हमारी जिम्मेदारी है कि प्रोजेक्ट लटके नही अटके नही,हमारा लक्ष्य है कि इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तय समय ही हों ,गड़बड़ी होने पर हमने जुर्माने का भी प्रावधान किया है।
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