जौनपुर – सपा सरकार कार्यकाल के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में घोर उदासीनता , कम्पनी को भुगतान न मिलने पर उखाड़ा खिड़की दरवाज़ा
जौनपुर – सपा सरकार कार्यकाल के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में घोर उदासीनता , कम्पनी को भुगतान न मिलने पर उखाड़ा खिड़की दरवाज़ा
समाजवादी पार्टी सरकार में शुरू हुए निर्माणाधीन सिद्दीकपुर के राजकीय मेडिकल कालेज में लगे एल्युमिनियम के खिड़की-दरवाज़े ठेकेदार ने उखाड़ लिए। एल्युमिनियम कंपनी का दो वर्ष से करीब 40 लाख रुपये बकाया है। बार-बार भुगतान की मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो नाराज कंपनी ने ओपीडी में लगा खिड़की-दरवाजा उखाड़ लिया।
लखनऊ के फर्नीचर कंपनी को जौनपुर के उमानाथ सिंह राजकीय मेडिकल कालेज में एल्युमिनियम का दरवाजा- खिड़की लगाने का ठेका मिला है। कंपनी ने दो वर्ष में ओपीडी की बिल्डिंग में लगभग खिड़की- दरवाजे लगा भी दिए। इसके बाद निर्माण कंपनी ने भुगतान के लिए टाटा प्रोजेक्ट व बाला जी को 24 महीने में 50 बार ईमेल किया, लेकिन दोनों निर्माण कंपनियों ने भुगतान तो दूर ईमेल का जवाब तक नहीं दिया। फिर फर्नीचर कंपनी मामले को लेकर जिला प्रशासन के पास भी गई।
वहां से भी कोई कार्रवाई न होने पर नाराज कंपनी ने ओपीडी में लगे दरवाजे-खिड़की उखाड़ वाहन पर लाद लिया है। गेट पास नहीं मिलने की वजह से गॉर्ड ने वाहन नहीं जाने दिया। सामान लदे वाहन अंदर ही खड़े हैं।
फर्नीचर कंपनी का कहना है कि 24 महीने से 40 लाख रुपये निर्माण कंपनियों पर बकाया हैं। बार-बार कहने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से यह कदम उठाना पड़ रहा है। निर्माण कंपनी ने अभी गेट पास नहीं दिया है। इसलिए वाहन बाहर नहीं निकल पाए हैं।
ऐसे में याद आता है कि उस वक़्त विपक्षी दल की तरफ से कहा जाता था कि यूपी में जंगलराज है ।लेकिन उसी समाजवादी सरकार ने यूपी के जौनपुर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की।अनुमानित बजट 514 करोड़ ।तक़रीबन 134 करोड़ रुपये तत्काल दे दिया।मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो गया।मुख्य भवन 70 % बन गया।सरकार ने अगले कुछ महीने के भीतर ही ओपीडी चालू करने का लक्ष्य रखा था।
तभी तथाकथित “जंगलराज” वाली सरकार की बिदाई हो गयी , तो लगा जैसे मानो सूबे में रामराज आ गया , लेकिन मेडिकल कॉलेज का निर्माण ठप हो गया। एजेंडा वाला लेकिन नया सत्ताधारी दल विकास के प्रति समर्पित था।उसने तत्काल मेडिकल कॉलेज के नामकरण की घोषणा कर दी।सीमा पर दुश्मन से लड़ते हुए प्राण गंवाने वाले अमर शहीद उमानाथ सिंह के नाम पर ‘शहीद उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज ‘ नाम रख दिया गया। रातोरात बोर्ड भी लग गया।यह बात दीगर है मौजूदा सरकार आने के बाद उस उस निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में एक भी ईंट नहीं लगी।
राजकीय मेडिकल कॉलेज निर्माण की शुरुआत सन् 2015 में अखिलेश सरकार में हुई थी। उस समय निर्माण की अनुमानित लागत 554 करोड़ रुपये निर्धारित थी। सरकार ने सवा सौ करोड़ की धनराशि जारी भी कर दिया था। इससे शुरुआती दौर में काम काफी तेजी से चला, लेकिन सरकार बदलने के बाद मेडिकल कालेज निर्माण के लिए एकमुश्त धनराशि जारी नहीं हो सकी। इसके चलते काम की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है। राजकीय निर्माण निगम के कर्मचारियों के मुताबिक महंगाई के चलते निर्माण कार्य की लागत 554 करोड़ रुपये बढ़कर अब 700 करोड़ के पार पहुंच गई है। इधर धीरे-धीरे ढाई तीन साल से अधिक का समय बीत गया, लेकिन अभी तक सिर्फ 194 करोड़ की धनराशि निर्माण के लिए मिली है।
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