ये जैन आचार्य ने 6800 दिनों में 3400 दिनों तक बिताए उपवास में, पढ़ें पूरी खबर

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के कांदीवली में रहने वाले जैन आचार्य हंसरत्नासूरी के उपवास को रविवार को 124 दिन हो गए।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के कांदीवली में रहने वाले जैन आचार्य हंसरत्नासूरी के उपवास को रविवार को 124 दिन हो गए। उन्होंने बीते 23 जून से अपना उपवास शुरू किया था, जो अब भी जारी है। हैरान करने वाली बात यह है कि जैन आचार्य ने बीते 18 साल 6 महीनों यानी कि 6800 दिनों में 9 साल तीन महीने यानी कि 3 हजार 400 दिन उपवास में बिताए हैं।

तपधर्म अनुमोदन समिति और वर्द्धमान परिवार के ट्रस्टी अतुल शाह बताते हैं कि श्वेतांबर जैन मुनि के उपवास का यह एक दुर्लभ उदाहरण है। सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए लोग अक्सर ठीक-ठाक खान-पान की बात करते हैं लेकिन महामारी को 8 महीने हो गए हैं और आचार्य लगातार उपवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी दिनचर्या भी नहीं छोड़ी है। कोरोना हॉटस्पॉट माने जाने वाले मुंबई में घूमते हुए और अपने रोजाना के काम करते हुए भी वह कोरोना से बचे रहे।

आचार्य के एक अनुयायी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में तीन बार 180-180 दिनों के उपवास का आंकड़ा पार किया है। जैन धर्म में मान्यता है कि महावीर स्वामी ने अपने जीवनकाल में 180 दिन का उपवास किया था। कहा जाता है कि कोई भी जैनमुनि आंकड़े (180 दिन) से ज्यादा दिनों तक उपवास नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि उपवास के दौरान दिन के समय में केवल उबला हुआ पानी पीने की इजाजत है।

अनुयायियों ने बताया कि आचार्य अपने उपवास के 96वें दिन 10 किमी पैदल चलकर गच्चाधिपति आचार्य राजेंद्रसूरी से मिलने के लिए गए थे। आचार्य के गुरू और साल 2018 में पद्मभूषण पाने वाले आचार्य रत्नसुंदर महाराज ने कहा कि यह वास्तव में आश्चर्य की बात है कि एक जैन साधु ने अपने जीवनकाल में इतने सारे उपवास किए हैं।

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