जाने कैसा है थप्पड़ मूवी
सिनेमा जगत ने समाज को आईना दिखाने की हमेशा से कोशिश की है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा की हमारे सिनेमा ने लोगों की सोच को कुछ हद तक बदल दिया है। कुछ ऐसे ही सामाजिक मुद्दों पर फिल्म लेकर एक बार फिर से आ रही है,अभिनेत्री तापसी पन्नो।यह मूवी थप्पड़ घरेलू हिंसा पर अधारित है।
इस मूवी में पति ने अपनी पत्नी को सबके सामने थप्पड़ मरता है। यू तो कहने के लिए समाज हमेशा फॅमिलिज़म को लेकर बड़ी -बड़ी बातें करता आया है मगर लोग कितना जागरूक हुए इस बारे में तापसी की फिल्म थप्पड़ में दर्शाया गया है।आइये जानते है तापसी की इस मूवी में फॅमिलिज़म को लेकर कितना कुछ है ,हालांकि आज थप्पड़ मूवी सिनेमा घरों में आ गयी है।
इसमें पति का किरदार निभा रहे पावेल ने अपनी पहली ही फिल्म से साबित कर दिया वह एक समर्थ कलाकार हैं। वह एक ऐसे पति का का किरदार निभा रहे हैं जो सकारात्म होते हुए भी गलत है और वह कहां गलत है इस बात का एहसास उसे नहीं है। इसे पर्दे पर उतारना मुश्किल काम था जो पावेल ने कुशलता से किया है। दिया मिर्जा की भूमिका फिल्म को मजबूत बना दिया है।
कुमुद मिश्रा रत्ना पाठक शाह जैसे कलाकार फिल्म को नई ऊंचाइयां देते हैं। काम वाली बनी गीतिका विद्या का रोले बहुत ही इंटरटेनमेंट है। सब मिलाकर ‘थप्पड़’ आज के समय की एक विशेष फ़िल्म है जिसे देखकर आपको एक अलग अनुभव देगा।
हमेशा से यह देखा गया है जब भी महिलाओं पर अत्याचार या हिंसा होती है। कहीं न कहीं यह समाज महिला को गलत ठहरानें में लगे रहते है अमूमन हमारे समाज में पति अगर पत्नी को मार दे तो ना सिर्फ उसके सास-ससुर बल्कि लड़की के मां-बाप भी यह समझने में लगे रहते है कि पति पत्नी में थोड़ा बहुत ऐसी लड़ाई झगड़ा तो रहता है।
‘थप्पड़’ मूवी यह कहती है कि कभी भी थप्पड़ मारना सही नहीं होता है, इसका अधिकार पति को नहीं है। थप्पड़ मारना न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है बल्कि कानून तौर पर भी गलत है।अब देखना होगा की यह मूवी समाज की सोच में कितना बदलाव लाती है।
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