#BabriDemolitionCase : कोर्ट के फैसले कप इकबाल अंसारी का बयान, कही ये बातें

बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर इकबाल अंसारी का बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर मस्जिद का फैसला 9 नवंबर को आ चुका है। 9 नम्बर के फैसले को भी हमने माना आज के भी फैसले का स्वागत करते है।

बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर इकबाल अंसारी का बयान जारी (Iqbal Ansari has issued a statement ) किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर मस्जिद का फैसला 9 नवंबर को आ चुका है। 9 नम्बर के फैसले को भी हमने माना आज के भी फैसले का स्वागत करते है।

इकबाल अंसारी कि हिन्दू मुसलमानों का एक और विवाद खत्म हो गया है। पहले भी हम कोर्ट का सम्मान करते थे आज भी कर रहे हैं।हम हिंदू मुसलमान का विवाद नहीं चाहते, मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद ही विवाद समाप्त हो चुका था, एक साल लगा।जो लोग जिंदा हैं वो बुजुर्ग है, बहुत से लोग नही है, कम से कम लोगों को राहत तो मिली।

फैसले से पहले इकबाल अंसारी ने बयान जारी किया था उन्होंने कहा था कि इस मामले को लेकर भी दोनों पक्षों के द्वारा तमाम सबूत पेश किए गए और सुनवाई के बाद अब फैसले के इंतजार में हैं आने वाले इस फैसले को लेकर बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस मामले को भी कोर्ट के फैसले पर छोड़ दिया है।

आज बहुत से लोगो को इसके बारे में मालूम नही है…

इकबाल अंसारी ने बातचीत करते हुए बताया कि बाबरी विध्वंस मामले पर जानकारी देते हुुुए बताया कि बाबरी मस्जिद में मूर्ति को रात्रि में 12 बजे रखी गई और जब लोग सुबह नमाज पढ़ने गए तो मूर्ति रखी हुई मिली।और उसी वक्त एफआईआर किया गया था। 50 वर्षों से मूर्ति मस्जिद में रही और मुकदमा लोवर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चलता रहा आज बहुत से लोगो को इसके बारे में मालूम नही है। सिर्फ हिन्दू मुसलमान का विवाद बनाये रखे।जिसके कारण यह मुकदमा इतना दिन चला।

इस विवाद में 5 लोगो की कमेटी गठित की थी

1992 में 10 लाख कारसेवक बुलाये गए थे और मस्जिद गिराई गई थी उसी का नाम बाबरी विध्वंस है। इस समय पूरी दुनिया देख रही थी।टेलीविजन व रेडियों में भी प्रसारित किया जा रहा था। जब मस्जिद गिराई गई थी उस समय कल्याण सिंह मुख्यमंत्री रहे। और केंद्र में नरसिंम्हा राव प्रधानमंत्री रहे। उन्ही के समय का यह मुकदमा है। वहीं बताया कि हमारे वालीद ( पिता ) सन 1961 में आये थे उसके पहले भी इसका विवाद चल रहा था। इस विवाद में 5 लोगो की कमेटी गठित की थी जिसमे मुख्य पक्षकार हमारे पिता हासिम अंसारी थे। वहीं कहा कि इस विवाद में हम लोग कभी सड़कों पर नही आये हमेशा कानून का सहारा लिया।

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