जन्म के बाद पहली बार आपने पिता से मिला मासूम बेटा, समाजसेवी की मदद ने पेश की मिशाल

आज पूरे 6 सालों बाद एक युवक सऊदी अरब से अपने घर लौटा है। जहां मासूम बेटे ने पहली बार पिता को करीब से देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा

सुल्तानपुर :आज पूरे 6 सालों बाद एक युवक सऊदी अरब से अपने घर लौटा है। जहां मासूम बेटे ने पहली बार पिता को करीब से देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वही बिछड़ी मां ने बेटे को हाथों से मिठाई खिलाकर अपनी ममता का इजहार किया। पत्नी भी लंबे अरसे बाद पति को पाकर बेहद प्रसन्न हैबताते चलें कि पूरा मामला कोतवाली नगर के बहादुरपुर क्षेत्र का है।

घर वालों ने उसे खुशी-खुशी भेजा भी दिया 

यहां का रहने वाला फैसल (25) वर्ष परिवार का भरण पोषण करने के लिए 11 नवंबर 2015 को सऊदी अरब अमीरात कमाने गया था। उसने मुंबई की अरोमा टूर एंड ट्रेवेल्स से ड्राइवर का वीजा लिया और लखनऊ से वो पहले रियाद पहुंचा। वहां से वो बद्र क्षेत्र में स्थित मोसासा बद्र कंपनी में काम करने पहुंच गया। घर वालों ने उसे खुशी-खुशी भेजा भी था। फैसल ने बताया कि कंपनी ने उसे प्रतिमाह 1200 रियाल सैलरी देने को कहा था,लेकिन वहां पहुंचने के बाद कफील (कंपनी का मालिक) बद्र उसे 1200 रियाल पगार के स्थान पर मात्र 300-400 रियाल ही देता था। यह पैसे स्वंय फैसल को इतने कम होते की उसका वहां अपना खर्च चला पाना मुश्किल होता था।

समय से उसको वेतन नहीं मिलता था

ऐसे में वो अपनी मां और पत्नी के पास भेजता तो क्या भेजता। यही नहीं उससे वीजा के नाम पर कफील ने 2500 रियाल रुपए उसकी सैलरी से काट लिए। साथ ही उसका पासपोर्ट अपने पास बंधक बनाकर रख लिया। और तो और समय से उसको वेतन नहीं मिलता था, ले देकर किसी तरह वहां कम वेतन पर फैसल ने तीन साल का वक्त काट डाला। इसके बाद जब वो कफील से घर जाने की बात करता तो कफील यह कहकर टाल देता की दूसरा ड्राइवर आ जाए तब चलें जाना। फैसल ने बताया कि ऐसे में दो से तीन बार मैं बिना बताए कंपनी से निकला लेकिन मालिक ने हमें पकड़वा लिया।

सऊदी अरब जाने के 7वे महीने के बाद फैसल की पत्नी रूबीना ने बेटे मुगनी रजा को जन्म दिया

तो वहीं इधर फैसल के सऊदी अरब जाने के 7वे महीने के बाद फैसल की पत्नी रूबीना ने बेटे मुगनी रजा को जन्म दिया। मासूम मुगनी का भाग्य ऐसा की वो करीब से पिता का चेहरा देखने को तरसता रहा। मुगनी अभी JKG में पढ़ रहा है। वही घर वाले सालों से फैसल के नहीं लौटने पर चिंतित थे, एक दिन माँ रजिया सुल्ताना ने कादीपुर के समाजसेवी अब्दुल हक से मुलाकात की और उन्हें अपने दुःख के बारे में बताया। इस पर अब्दुल हक ने उन्हें भरोसा दिलाया की आप परेशान ना हो आपका बेटा वापस लौटेगा।

फाईनेंस मिनिस्ट्री से मदद मांगा

साथ ही साथ जब हमारी मुलाकात अब्दुल हक से हुईं तो उन्होनें बताया कि 20 फरवरी 2020 को फैसल की मां हमारे घर आई थी, और उन्होने सारी बात से हमें अवगत कराया था, इसके बाद हमने फाईनेंस मिनिस्ट्री से मदद मांगा और रियाद और जेद्दा एमबेसी को ई मेल किया, और सारी बातों से अवगत कराया एम्बेसी ने अरोमा टूर एंड ट्रेवेल्स एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश दिया। तब कंपनी वालों ने हमारे साथ लखनऊ में मीटिंग किया।

परिवार में वापस आ जानें के बाद परिवार वालो में खुशी का माहौल है

हम इस मामले में 3-4 बार दिल्ली और मुंबई गए। इसके बाद कही जाकर कागज तैयार हुआ, लेकिन फैसल के पास वापस लौटने के पैसे भी नहीं थे तो मैने सऊदी अरब में अपने जानने वालों को मदद के लिए बोला। जिस पर सबने चंदा इकट्ठा कर फैसल को 1300 रियाल की मदद की और 26 जून को उसने टिकट कराया और अपने देश मुंबई पहुंचा। और आज 29 जून को वो मुंबई से अपने घर सुल्तानपुर पहुंचा है। तो वहीं परिवार में वापस आ जानें के बाद परिवार वालो में खुशी का माहौल है और इसके लिए समाजसेवी अब्दुल हक परिवार वाले दुवाओं से नवाज रहें हैं!

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