चीन-पाकिस्तान के लिए काल है ये ब्रह्मोस मिसाइल, खासियत जानकर चौड़ा हो जाएगा सीना

भारतीय सेना ने मंगलवार को अंडमान निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया. ब्रह्मोस ने दूसरे द्वीप पर स्थित अपने टारगेट को आसानी से तबाह कर दिया.

भारतीय सेना ने मंगलवार को अंडमान निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया. ब्रह्मोस ने दूसरे द्वीप पर स्थित अपने टारगेट को आसानी से तबाह कर दिया. इस सुपर सोनिकर मिसाइल की कुछ खास बातें है जो पिछली मिसाइलों की तुलना में बेहद शानदार साबित होंगी. इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और रफ्तार 43 सौ किलोमीटर प्रति घंटे सीमा विवाद के बीच सुपरसोनिक मिसाइल का प्रक्षेपण दुश्मन देशों के लिए खतरे की घंटी है.

अधिकतम रफ्तार 4,300 किमी प्रति घंटा

आज हुए सफल प्रक्षेपण के बाद भारत की तीनों सेनाओं के बेड़े में ऐसी-ऐसी मिसाइलें हो जाएंगी, जो दुश्‍मन को संभलने का मौका भी नहीं देंगी. इन मिसाइलों की खूबी यह है कि जितने वक्‍त में दुश्मन का डिफेंस सिस्‍टम तैयार हो पाता है, ये मिसाइलें अपना काम निपटा चुकी होती हैं. ब्रह्मोस ऐसी ही एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है.

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21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक, ब्रह्मोस मैच 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है. चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच इन टेस्‍ट्स से यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि मिसाइल कितनी सटीकता से अपने निशाने को तबाह कर सकती है. यह मिसाइल रूस और भारत के रक्षा संस्‍थानों के साथ आने से बनी है. ब्रह्मोस में से ‘ब्रह’ का मतलब ‘ब्रह्मपुत्र’ और ‘मोस’ का मतलब ‘मोस्‍कवा’ है.

हवा, पानी, जमीन कहीं से भी दागे

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे कहीं से भी लॉन्‍च किया जा सकता है. जमीन से हवा में मार करनी वाले सुपरसोनिक मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट कर सकती है. पनडुब्‍बी वाली ब्रह्मोस मिसाइल का पहला टेस्‍ट 2013 में हुआ था. यह मिसाइल पानी में 40 से 50 मीटर की गहराई से छोड़ी जा सकती है. ऐसी पनडुब्ब्यिां भी बनाई जा रही हैं जिनमें इस मिसाइल का छोटा रूप एक टारपीडो ट्यूब में फिट किया जाएगा. हवा में मिसाइल छोड़ने के लिए एसयू-30एमकेआई का खूब इस्‍तेमाल होता आया है. यह मिसाइल 5 मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ सकती है. अधिकतम 14,00 फीट की ऊंचाई तक यह मिसाइल उड़ती है. वैरियंट्स के हिसाब से वारहेड का वजन बदल जाता है. इसमें टू-स्‍टेज प्रपल्‍शन सिस्‍टम है और सुपरसोनिक क्रूज के लिए लिक्विड फ्यूल्‍ड रैमजेट लगा है.

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