संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में भारत ने रखा अपना पक्ष, कहा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग
महासभा के मंच से पाकिस्तान को चेतावनी, भारत में अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करे पकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने शनिवार को अपने सम्बोधन में कहा कि ”केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे और रहेंगे। ‘इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं।’ हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।”
पाकिस्तान के मुँह पर पड़ा झन्नाटेदार तमाचा
पहले के ही तरह पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के विचार से संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में कश्मीर का राग अलापना शुरू किया। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसे भारत की ओर से कड़े और साफ शब्दों में यह बता दिया गया कि केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारतीय परिक्षेत्र के अभिन्न और अविभाज्य अंग है। दरअसल, इमराम खान ने संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा के अपने सम्बोधन में कहा कि ‘भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के कारण ही कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु हुई है।’
जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान को एक झन्नाटेदार तमाचा लगाते हुए कहा कि “हम पाकिस्तान के नेता द्वारा अपने देश के आंतरिक मामलों को लाकर और विश्व स्तर पर झूठ फैलाने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के जवाब में अपने जवाब के अधिकार का प्रयोग करते हैं,” आगे उन्होंने कहा कि ”पाकिस्तान में आतंकवादियों को आतंक की कार्यवाही संचालित करने की खुली छूट है।
हम हमेशा से सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान स्वयं को ‘आतंकवाद से पीड़ित’ बताता है। यह खुद एक “आगजनी” है जो खुद को “अग्निशामक” के रूप में दिखाने का प्रयास करता रहता है। पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि यह देश अपने गलियारों में आतंकवादियों का पालन-पोषण करता है। इस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भारत ने पाक को तीखा जवाब दिया।
सितम्बर 2011 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले को दिलाया याद
सुश्री दुबे ने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए मंच का “दुरुपयोग” किया है। ये “मेरे देश के खिलाफ हमेशा झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रोपेगेंडा का प्रचार करते रहते हैं, और दुनिया का ध्यान इस दुख की घडी से हटाने के लिए व्यर्थ की मांग करते हैं।
उनके देश के राज्यों में आतंकवादियों को मुफ्त में पास मिलता है। जबकि आम लोगों और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीवन सुरक्षित नहीं रह जाता।” इस महीने अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा “नृशंस” 9/11 आतंकी हमलों की 20 वीं वर्षगांठ के अवसर पर, दुबे ने कहा कि दुनिया यह नहीं भूली है कि “उस नृशंस घटना के पीछे के मास्टरमाइंड, ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में ही शरण मिली थी। आज भी, पाकिस्तान नेतृत्व उन्हें ‘शहीद’ के रूप में महिमामंडित करता है।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा सम्बोधन की प्रमुख बातें
आगे स्नेहा दुबे ने कहा कि ” यह बेहद अफसोस की बात है कि आज भी हमने पाकिस्तान के नेता को आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते हुए सुना। आतंकवाद का इस तरीके से बचाव करना आधुनिक दुनिया में अस्वीकार्य है।” भारत की स्थिति पर स्पष्ट रूप से जोर देते हुए, दुबे ने कहा कि नई दिल्ली “पाकिस्तान सहित हमारे सभी पड़ोसियों के साथ” सामान्य संबंध चाहता है।
हालांकि, यह इस्लामाबाद के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में ईमानदारी से काम करना है, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि किसी भी तरह से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके।
यह कहते हुए कि सदस्य देश जानते हैं कि पाकिस्तान का एक लंबा इतिहास आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने का रहा है, सुश्री दुबे ने आगे कहा कि देश को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और आतंकवादियों को हथियार देने के रूप में मान्यता दी गई है। . “यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकॉर्ड रखता है।”
“यह वह देश भी है जो अब भी बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ एक धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार जैसे कुकृत्य को अंजाम देता रहता है। इसके बारे में हमारे देश में एक घृणित रिकॉर्ड है। भारतीय राजनयिक ने अमेरिका के 9/11 हमले को याद दिलाते हुए कहा कि हम इतिहास में उस भयानक घटना को चिह्नित करते हैं जो 9/11 आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड, ओसामा बिन लादेन को इसी देश ने शरण दे रखा था।
आगे इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक – सिख, हिंदू, ईसाई – अपने अधिकारों के राज्य प्रायोजित दमन से लगातार भय में रहते हैं, आगे उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा शासन है जहां इसके नेतृत्व द्वारा यहूदी-विरोधीवाद को न केवल सामान्य किया जाता है वरन इसे उचित भी ठहराया जाता है।”
सुश्री दुबे ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में पाकिस्तान के चरित्र को उजागर करके रख दिया। बता दें की संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे 2012 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं।
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