‘मॉब लिंचिंग’ : 11 पॉइंट्स में जानिए उन्मादी भीड़ ने कब-कब देश में खून बहाया

'लिंचिंग' शब्द विलियम लिंच के नाम पर पड़ा है। कैप्टन विलियम लिंच का जन्म 1742 में वर्जिनिया में हुआ था और मौत 1820 में। विलियम कैप्टन लिंच ने अपना एक न्यायाधिकरण बना लिया रखा था और उसका वो जज था। विलियम का हर निर्णय समाज में उन्माद फैलाने वाला था।

नई दिल्ली : रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव के एक गुरुद्वारे में सिख ‘निशान साहिब’ (झंडे) का अनादर करने पर भीड़ द्वारा एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इससे पहले शनिवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक कथित अपवित्र मामले में भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से देश में इस समय ‘मॉब लिंचिंग’ शब्द चौराहों से संसद तक सुना जा सकता है।

'मॉब लिंचिंग'
‘मॉब लिंचिंग’

आपको बात दें, इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पंजाब और कुछ अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा कथित रूप से पीट-पीटकर की जाने वाली हालिया घटनाओं के बारे में ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने आरोप लगाया कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले लिंचिंग शब्द तक नहीं सुना गया था। उन्होंने ‘थैंक यू मोदी जी’ हैशटैग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द तक नहीं सुना गया था।

'मॉब लिंचिंग'
‘मॉब लिंचिंग’

जानिए ‘मॉब लिंचिंग’ के बारे में  

भीड़ द्वारा मौत की सजा के लिए प्रयोग किए जा रहे ‘मॉब लिंचिंग’ के बारे में आज हम आपको सबकुछ बताने जा रहे हैं।

1 ‘लिंचिंग’ शब्द विलियम लिंच के नाम पर पड़ा है। कैप्टन विलियम लिंच का जन्म 1742 में वर्जिनिया में हुआ था और मौत 1820 में। विलियम कैप्टन लिंच ने अपना एक न्यायाधिकरण बना लिया रखा था और उसका वो जज था। विलियम का हर निर्णय समाज में उन्माद फैलाने वाला था।

2 अमेरिका ने लिंचिंग की घटनाओं के बाद सन 1922 में लिंचिंग-रोधी कानून बनाया।

3 देश में अब तक कई अधिकारी व राजनेता लिंचिंग के शिकार हुए हैं।

4 बिहार में आईएएस अधिकारी 35 वर्षीय जी. कृष्णया जो गोपालगंज के जिला अधिकारी थे, उन्हें उन्मादी भीड़ का शिकार होना पड़ा। पत्थर मार उनकी हत्या 1994 में की गई थी।

5 दानापुर के बीजेपी नेता सत्य नारायण सिन्हा की हत्या लाठी पिलावन रैली में वर्ष 2003 में हुई थी।

6 इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 31 अक्टूबर 1984 को हजारों सिखों की हत्या हुई।

7 वर्ष 2002 में गुजरात दंगों में ‘मॉब लिंचिंग’ सामने आई और तत्कालीन प्रधानमंत्री को वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री से कहना पड़ा था, “आपने राजधर्म नहीं निभाया।”

ये भी पढ़ें – साल 2014  से पहले कभी लीचिंग के बारे में नही सुना पीएम मोदी जी – राहुल गांधी

8 वर्ष 2006 में महाराष्ट्र के भंडारा जिले में लिंचिंग की घटनाएं हुई थीं, जिसे खैरलांगी जनसंहार के नाम से जाना जाता है। इसी साल दुष्कर्म के एक आरोपी को तेलंगाना के निजामाबाद में पत्थर मार हत्या कर दी गई।

9 2015 में नगालैंड के डिमापुर में एक दुष्कर्म के आरोपी को जेल का गेट तोड़कर 700 लोगों की भीड़ ने बाहर निकालकर निर्वस्त्र कर घसीटते हुए पूरे शहर में घुमाया और लाठी-डंडों से पीटकर उनकी हत्या कर दी।

10 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में एक ओर जहां अखलाक को लिंचिंग का शिकार होना पड़ा, वहीं दूसरी ओर राजस्थान के अलवर में पहले पहलू खान को उन्माद का शिकार होना पड़ा।

11 आज इस संसार में विलियम लिंच तो नहीं है, पर उसकी उन्मादी सोच वाले उन्माद फैला रहे हैं।

 

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