आजमगढ़ : नाबालिग दलित पीड़िता के अपहरण पर न्याय को दर-दर भटकने को मजबूर, पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

उत्तर प्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा को लेकर तमाम कदम उठा रही है और तमाम अभियान चलाने का दावा करती है लेकिन अभी भी उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो जाते हैं।

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा को लेकर तमाम कदम उठा रही है और तमाम अभियान चलाने का दावा करती है लेकिन अभी भी उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो जाते हैं।

पीड़िता के मां-बाप उसकी बरामदगी को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं

ऐसा ही मामला आजमगढ़ के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव में सामने आया है। बिंदवल गांव से 5 दिन पूर्व 16 नवम्बर को नाबालिग दलित लड़की के लापता होने और उसके अपहरण की जानकारी मिलने के बाद से पीड़िता के मां-बाप उसकी बरामदगी को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

कानून और सुरक्षा नियम फेल दिख रहे हैं

स्थानीय थाना जहां मामले में पल्ला झाड़ रहा है वहीं पीड़ित परिजनों ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। लड़की की मां का रो रो कर बुरा हाल है और उसके लिए मानो हर कानून और सुरक्षा नियम फेल दिख रहे हैं।

उसकी केवल एक ही मांग है कि उसकी बेटी को बरामद किया जाए। उसके अनुसार गांव का ही सैलून चलाने वाला एक युवक फुरकान के बारे में सूचना मिली है कि वही लेकर भाग गया है। तब से वह भी नहीं दिख रहा है। अगर पुलिस गंभीरता से कार्रवाई करेगी तो उसे न्याय मिल पाएगा।

रिपोर्ट – अमन गुप्ता

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