कौशांबी : थानेदार की करतूत से बदरंग हो रही योगी सरकार की छवि, करेली मदरसा कांड का है सह-अभियुक्त
यूपी के कौशांबी जिले में इन दिनों एक दारोगा की करतूत महकमे में जगजाहिर है। इस दारोगा पर किसी का भी जोर नही है। क्योंकि यह दारोगा खुद को आईजी का रिश्तेदार बताता है। अब सवाल यहाँ पर बड़ा हो जाता है कि दारोगा की करतूत जगजाहिर है, इसके बाद भी इसे थानेदार बना दिया जाता है।
- प्रयागराज शहर में हुए 17 जनवरी 2007 की रात बहुचर्चित करेली मदरसा कांड तो याद होगा।
- जब मदरसे से तीन लड़कियों को अगवाकर दुष्कर्म किया गया था।
- इस जघन्य अपराध में तत्कालीन करेली एसओ राजेश सिंह का नाम भी सह-अभियुक्त में शामिल था।
- यह वही नाम है जो माफिया डॉन अतीक अहमद गैंग से जुड़ा था।
- जिसने तीन साल फरारी काटने के बाद खुद को सरेंडर कर सलाखों के पीछे गया था।
- जिसकी सपा सरकार में तूती बोलती थी और सत्ता की हनक पर हमेशा अपने गुनाहों पर पर्दा डालता रहा है।
ट्रक चालक की हत्या, सवालो के कटघरे में स्टेशन अफसर
- पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के डेढ़ावल गांव स्थित डम्प मोरंग खादान में ट्रक चालक की हत्या के बाद स्टेशन अफसर राजेश सिंह की करतूत ने सिस्टम पर सवाल खड़ा करने का मौका दे दिया।
- मृतक सतीश के भाई मोहित ने बताया कि तीन हत्यारोपियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई थी।
- उस तहरीर पर स्टेशन अफसर ने हत्यारोपियों के खिलाफ मुकदमा नही दर्ज किया।
- स्टेशन अफसर ने मृतक के परिजनों पर दबाव बनाया और फिर मनमाफिक दूसरी तहरीर लिखाई है।
- दूसरी तहरीर में केवल जेसीबी चालक को गैर इरादतन हत्यारोपी बनाया गया।
भगवतपुर गांव में होती है गांजे की खेती, वीडियो वायरल
पश्चिम शरीरा थाना इलाके के भगवतपुर गांव में गांजा की खेती की जा रही है। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मामला संज्ञान में आने के बाद भी स्टेशन अफ़सर ने कोई एक्शन नही लिया है। लोगो का मानना है कि यह सब स्थानीय पुलिस की संरक्षण में हो रहा है। ऐसा भी नही की इस मामले की भनक लोकल इंटेलीजेंश को न हो, लेकिन इस अवैध कारोबार पर रोक नही लगाया गया है।
मोरंग खदानों से फ्री में मोरंग लेता था दारोगा
विश्वस्तसूत्रो की माने तो पश्चिम शरीरा इलाके में चल रहे रहे मोरंग खदानों से माहवारी वसूली की जाती थी। मोरंग वाहनों की इंट्री के नाम पर हर महीने लाखो की काली कमाई करने वाले स्टेशन अफसर की खुद की दो ट्रकें जिले में चलती थी। मोरंग खदानों से साहब को फ्री में मोरंग मिला करती थी। इसके बदले पट्टेधारकों को स्टेशन अफसर की तरफ से विशेष छूट दी जाती थी। जिसका फायदा उठाकर पट्टेधारक नियम विरुद्ध तरीके से खनन करवा रहे थे।
थाने में बा-वर्दी सिगरेट का छल्ला उड़ाता है दारोगा
पुलिस रेगुलेशन की बात करें तो विभाग में कड़े कायदे कानून बनाए गए है। लेकिन स्टेशन अफसर के लिए ये कायदे कानून कोई मायने नही रखता है। तभी तो स्टेशन अफसर थाने की कुर्सी में बा-वर्दी बैठकर सिगरेट की धुंए का छल्ला बनाकर व्यवस्था का मजाक बनाते है। जिनका यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सिर चढ़कर बोल रही दारोगा की रंगीन मिज़ाज़ी
- ऑन ड्यूटी पान सिगरेट के अलावा भी साहब के पास कई ऐसे शौक हैं.
- जिसमे वह दखल अंदाजी बिल्कुल भी बर्दाश्त नही करते। मजाल है कि उनके शौक में किसी प्रकार की देरी हो जाए.
- अगर ऐसा होता है भी तो देख रेख करने वाले पुलिस कर्मियों को भला बुरा सुनने को मिलता है।
- मजे की बात तो यह है कि अगर किसी आरक्षी का उनके थाने से स्थानांतरण हो जाये और वह आरक्षी साहब का खास हो तो फिर उसकी रवानगी महीनों नही होती है।
- इसकी बानगी भी देखी जा सकती है।
सिस्टम पर सवाल?
एसपी अभिनंदन सिंह ने आठ माह पहले कौशांबी जिले की कमान संभाली तो लोगो में इंसाफ की इक आस जगी थी। लेकिन समय के साथ सिस्टम की नकेल ऐसे मातहतों पर ढ़ीली पड़ी तो व्यवस्था फिर से उल्टे पायदान पर आ गई। अब देखने वाली बात यह होगी कि खुद को आईजी का रिस्तेदार बताने वाले इस दारोगा के खिलाफ कब कार्यवाई होती है.?
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