केन की जलधारा को रोक कर बीच नदी से किया जा रहा अवैध खनन

खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं खनन माफिया अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं

खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं खनन माफिया अवैध खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं फिर भले ही जिला प्रशासन वार्निंग दे या फिर लखनऊ की टीम आकर जांच कर ले खनन माफिया नियमों को खूंटी पर टांग हुए बेलगाम .

अवैध खनन का नजारा इस बार देखने को मिला है बांदा शहर से 7 किलोमीटर दूर अछरौड खदान में यह नजारा अछरौड खंड1 खदान का है जहां पट्टा धारक ने नदी के बीचो-बीच एक रास्ता बना लिया है. इस अवैध पुल से ट्रकों की निकासी की जा रही है खंड संचालक पुल बनाकर के अपने क्षेत्र से बाहर कनवारा के खंड संख्या से बालू का धुआंधार खुलेआम अवैध खनन कर रहे है.

तस्वीरों में देख सकते हैं की हेवी वेट पोकलैंड मशीन लगी हुई है जो कि प्रतिबंधित मशीन है हालांकि सेमीमैकेनाइज्ड मशीन ऐसे बुलडोजर या जेसीबी का उपयोग रेस्क्यू कार्यों के लिए खदान में किया जा सकता है लेकिन मशीन से पानी के नीचे खनन नहीं किया सकता है जबकि तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार हेवी वेट पोकलेन मशीन से पानी के नीचे से खनन किया जा रहा है.

यह तस्वीर पुरानी नहीं है इस तस्वीर में जियो टैगिंग लोकेशन के साथ समय और वक्त भी दिया हुआ है इन वीडियो को झुठलाना आसान नहीं है लेकिन अवैध खनन में संलिप्त अधिकारी को शायद इसमें भी कुछ गलत नजर नहीं आएगा।।

पीटीसी : शुभम सिंह रघुवंशी

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