DGP के निर्देशों की अनदेखी करना पुलिस को पड़ा भारी, गंवानी पड़ी अपने 8 साथियों की जान

लखनऊ. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में 3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने पुलिस महकमे की चूलें हिला कर रख दी है। मोस्ट वांटेड घोषित हो चुका विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं उस पर इनाम की धनराशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है। इसी बीच यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का एक पत्र वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है डीजीपी का यह पत्र 3 जून 2020 का है।

वायरल पत्र के मुताबिक, यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पूरे पुलिस महकमे को 3 जून को ही इस खतरे से अवगत करा दिया था। डीजीपी ने निर्देश दिया था कि किसी भी अपराधी के घर दबिश से पहले दंगा रोधी उपकरणों से सुसज्जित होकर प्रस्थान करें। ऐसा ने करने पर अगर कोई सिपाही घायल होता है तो संबधित थाना प्रभारी के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। वहीं पुलिस को सतर्कता बनाए रखने के साथ निष्पक्ष पूर्वक काम करने की हिदायत दी गई थी।

अब वहीं इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि अगर यही पुलिस महकमा डीजीपी की इन निर्देशों की अनदेखी न करता तो बीते 3 जुलाई को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में हुई भयावह घटना शायद न होती। शायद ये 8 पुलिसकर्मी आज भी जिंदा होते। वहीं डीजीपी के निर्देशों की अनदेखी करके इसकी कीमत पुलिस महकमे को 8 पुलिसकर्मियों की जान गंवाकर चुकानी पड़ी।

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