सर्दियों में जुखाम बुखार की समस्या से बचना चाहते हैं तो आपके लिए लाभदायक हैं ये जूस
फल खाना किसी भी मौसम में फायदा ही करता है, न कि सिर्फ फलों का सेवन बल्कि फलों का जूस पीना भी सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है, लेकिन आज के दौर में युवा पीढ़ी हर चीज पैक्ड खाना पसंद करती है।
वे नाश्ता भी पैक्ड यानी डिब्बा बंद करती है। इसी क्रम में आजकल वे पैकेटबंद जूस पीने के शौकीन भी नजर आ रहे हैं। हालांकि वे इसका तर्क देते हैं कि इससे उन्हें कई तरह के शारीरिक लाभ होते हैं, जबकि ऐसा कतई नहीं है। दरअसल पैकेट बंद जूस, जितने फायदे होने का दावा करती है, उतने फायदे उससे हमें मिलते नहीं। पैक्ड फ्रूट जूस बच्चों को बीमार बना सकते हैं।
गाजर
गाजर का हलवा और सलाद के रूप में इसका सेवन किया जाता है. इसे ड्रिंक के रूप में भी पीया जाता है और इसकी सब्जी भी बनाई जाती है. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए प्रभावी रूप से काम कर सकती है. हालांकि प्रेग्नेंसी में गाजर का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए.
टमाटर
टमाटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है. टमाटर का सेवन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी की भी मिलती है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी प्रभावी रूप से काम करता है. आप चाहें तो टमाटर को जूस या सूप के रूप में भी पी सकते हैं.
संतरा
संतरा विटामिन-सी के प्रमुख स्रोत खाद्य पदार्थों में से एक है. इसे जूस के रूप में या फिर सामान्य तौर से भी खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. संतरे का नियमित सेवन करने वाले लोगों में हीमोग्लोबिन की समस्या का खतरा कई गुना तक कम हो सकता है.
गुड़
गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत माना जाता है और इसकी तासीर गर्म भी होती है. यह गले की खराश और सर्दी जुकाम में भी अदरक के साथ खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि गुड़ का सेवन करने से रक्त संचार में बढ़ोतरी होती है और हीमोग्लोबिन की समस्या को दूर करने में भी काफी मदद मिलती है.
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