कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ लेने के बाद यदि आपके शरीर में दिख रहे हैं ऐसे लक्ष्ण तो जरुर पढ़े ये खबर

1 मई से जब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाना शुरू हो जाएगा, ऐसे में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीन सेंटर (Vaccine centre) पर लोगों की अच्छी खासी भीड़ होने वाली है. इसे देखते हुए हेल्थ से जुड़ी अथॉरिटीज ने भी इस बात की चिंता जताई है कि कोविड का टीका लगवाने के लिए आने वाली लोगों की भीड़ कहीं सुपरस्प्रेडर (Superspreader) न बन जाए, जिसकी वजह से बीमारी की रफ्तार और तेज न हो जाए.

वैक्‍सीन लगवाने और इसके साइड इफेक्‍ट्स के फायदों को बताने का मतलब यह कतई नहीं कि जिन लोगों में साइड इफेक्‍ट्स नहीं देखने को मिला उनकी बॉडी में वैक्‍सीन सही तरीके से काम नहीं कर रही. इस बात पर विशेषज्ञों का तर्क है कि जब आप परीक्षण के आंकड़ों को देखते हैं तो आधे से अधिक प्रतिभागियों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है लेकिन वे वैक्‍सीन लगवाने के बाद भी 90 प्रतिशत से अधिक संरक्षित थे.

विशेषज्ञ मानते है कि वैक्सीनेशन के बाद लोगों की शारीरिक क्षमता के हिसाब से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी अलग-अलग तरीकों से प्रतिक्रिया करती है. प्रतिक्रिया उनके उम्र, जेंडर, पर्यावरण, न्‍यूट्रिशन, जेनेटिक्‍स और एंटी इन्‍फ्लामेंट्री मेडिसीन के प्रयोग आदि के हिसाब से ज्‍यादा या कम होती है. ऐसी प्रतिक्रिया केवल कोविड वैक्‍सीन के बाद ही नहीं, फ्लू वैक्‍सीन के बाद भी देखने को मिलती है.

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