झाँसी : दावे हवा हवाई: टेल तो क्या हेड पर नही नहर में पानी, किसान दे रहे नहर के हेड पर धरना
सरकार और सरकार के अधिकारी लाख दावे करें कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हर हाल में होगा । हर नहर का पानी टेल तक पहुंचेगा। लेकिन झाँसी के गुरसराय क्षेत्र में बनी इस नहर का दृश्य कुछ अलग ही है ।
सरकार और अधिकारी लाख दावे करें कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हर हाल में होगा । हर नहर का पानी टेल तक पहुंचेगा। लेकिन झाँसी के गुरसराय क्षेत्र में बनी इस नहर का दृश्य कुछ अलग ही है ।
यहां पानी टेल तक पहुंचना तो दूर नहर के हेड पर भी नहीं है । यही कारण है कि क्षेत्र के किसान आंदोलित हैं और उनका प्रदर्शन नहर के टेल पर नहीं बल्कि हेड पर चल रहा है । इस धरना प्रदर्शन को राजनीतिक दल एवं किसान संगठनों का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है। आज तीसरा दिन है इसके बावजूद किसी भी अधिकारी ने इन किसानों की सुध नहीं ली है।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री वा उनके पदाधिकारियों ने गुरसराय मुख्य केनाल पर आकर धरने पर और सरकार के ऊपर अपना गुस्सा जाहिर किया।
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अगर पानी नहीं मिला तो बुवाई कहां से होगी और किसान कहां से अपनी बच्चियों की शादी करेगा । फसल न होने से इक बार फिर किसान आत्महत्या की कगार पर आ जाएगा।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव और उनके कार्यकर्ता भी धरना स्थल पर आए और आमरण अनशन पर बैठे सूरज माते खिरिया और उनके सहयोगियों का हालचाल लिया। उन्होंने कहा कि इस अनशन में समाजवादी पार्टी पूरे तरह उनके साथ में है और सरकार की कमी बता कर दोषी ठहराया । पूर्व विधायक ने चेताया कि इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे ।
सरकार अगर नहीं सुनती है यह आंदोलन और उग्र हो जाएगा। अगर नहर का काम नहीं करा सकती तो हम सब मिलकर काम करा लेंगे। अन्य वक्ताओं ने कहा नहर पर सफाई का काम नहर आने से पहले होना चाहिए अगर नहर समय पर आ जाती तो सिल्ट सफाई का पैसा अधिकारी और ठेकेदार मिलकर खा जाते।
अधिकारियों की वजह से किसान धरने पर बैठने को मजबूर हो गए अगर बुवाई नहीं तो बच्चों का लालन-पालन कहां से होगा और कहां से घर का खर्च चलेगा कहां से बच्चों को पढ़ा पाएंगे । अनशन पर बैठे सूरज माते ने कहा जब तक पानी नहीं आएगा तब तक अनशन खत्म नहीं होगा चाहे मेरी जान क्यों ही ना चली जाय।
कुल मिलाकर इस लापरवाही का खामियाजा सरकार को आने वाकई समय मे भुगतना ही होगा। देश का अन्नदाता आज परेशान है और सरकार दावों और वादों में व्यस्त है।
रिपोर्टर-मदन यादव
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