पति था मानसिक रोगी, पांच सौ रूपये उधार लेकर शुरू किया काम और आज हैं करोड़ों की मालकिन

पति मानसिक रूप से परेशान था। घर को चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था। आर्थिक स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी। ऐसे में दिल्ली जाने का निर्णय ले लिया। 500 रुपये उधार लिए। एक छोटा सा काम शुरू किया।

पति मानसिक रूप से परेशान था। घर को चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था। आर्थिक स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी। ऐसे में दिल्ली जाने का निर्णय ले लिया। 500 रुपये उधार लिए। एक छोटा सा काम शुरू किया।

कृषि विज्ञान केंद्र में उन्होंने 4 महीने की ट्रेनिंग ली

आज ये एक करोड़पति कारोबारी बन गई हैं। जी हां, नाम है इनका कृष्णा यादव। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से नाता रखती हैं। इन्होंने 500 रुपये अपने एक दोस्त से उधार लिए थे। अपने सपनों को साकार करने के लिए दिल्ली तो पहुंच गई थीं, लेकिन इस अजनबी शहर में काफी ढूंढने पर भी उन्हें काम नहीं मिला था। फिर कृषि विज्ञान केंद्र में उन्होंने 4 महीने की ट्रेनिंग ली। खादी खाद्य प्रसंस्करण तकनीक में।

लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया कृष्णा यादव को मिल रही थी

ट्रेनिंग के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने 3000 रुपये लगाए। 100 किलो आंवला और 5 किलो मिर्ची खरीदी। इसका उन्होंने आचार बना लिया और बेच दिया। मुश्किलें बहुत आईं, लेकिन कृष्णा आचार बनाकर बेचती रहीं। पति भी काम में हाथ बंटा रहे थे। लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया कृष्णा यादव को मिल रही थी।

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मेहनत करते-करते आज की तारीख में 87 तरह के उत्पादों का निर्माण वे करवा रही हैं। आचार के अलावा अब मुरब्बा और सॉस आदि भी बनते हैं। अपना खुद का ब्रांड भी है।नाम है श्री कृष्णा आचार। लगभग 500 क्विंटल फल और सब्जियां उनके व्यापार में इस्तेमाल में आ रही हैं। लाखों में इनकी कीमत होती है। अब इन्होंने अपना एक पेय उत्पाद भी लॉन्च कर दिया है।

कभी सड़क किनारे इनके उत्पाद बिकते थे। आज बहुमंजिला इमारत से इनका कारोबार चल रहा है।भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भी कृष्णा यादव के प्रयास को पहचाना। वर्ष 2016 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्हें नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित भी किया गया कृष्णा यादव की कहानी हर किसी के लिए किसी प्रेरणा से तो कम नहीं ही है।

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